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गन्ने की अधिक उत्पादकता एवं चीनी परता के लिए 15 वर्ष से कम अवधि की प्रजातिया बेहतर।

नूर आलम वारसी
बहराइच : गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिए बोये गये गन्ने के क्षेत्र का सही सर्वेक्षण पूरी शुद्धता, तत्परता एवं निष्ठा के साथ सम्पन्न कराने के उद्देश्य से गन्ना खतौनी का राजस्व खतौनी से शत-प्रतिशत मिलान कराये जाने के उद्देश्य से 25 जुलाई से 10 अगस्त 2016 तक अभियान संचालित किया जायेगा। गन्ना खतौनी के राजस्व खतौनी से मिलान में कोई पूरी शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए गत वर्ष के संवेदनशील ग्रामों में विशेष सतर्कता बरती जायेगी और जिला गन्ना अधिकारी स्वयं ऐसे ग्रामों में अपनी देख-रेख में खतौनी मिलान कार्य को सम्पन्न करायेंगे।

गन्ना खैतौनी मिलान के लिए शासन स्तर से दी गयी व्यवस्था के तहत प्रत्येक गन्ना पर्यवेक्षक अपने सर्किल क्षेत्र के सभी गन्ना कृषकों की तैयार की गयी गन्ना खतौनी का मिलान राजस्व खतौनी से करने के उपरान्त मिलान पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र अपने नियंत्रक अधिकारी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक को उपलब्ध करायेंगे। इसी प्रकार ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अपने पूरे ज़ोन का मिलान पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र गन्ना अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिला गन्ना अधिकारी अपने सम्पूर्ण जिले में मिलान पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र उप गन्ना आयुक्त को उपलब्ध करायेंगे तथा उप गन्ना आयुक्त अपने सम्पूर्ण परिक्षेत्र का मिलान पूर्ण होने से सम्बन्धित प्रमाण-पत्र आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
शासन द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि गन्ना खतौनी का राजस्व खतौनी से मिलान कराये जाने के दौरान मृतक सदस्य, गैर सदस्य, फर्ज़ी सदस्य, फर्ज़ी सट्टा, मिलान से काटा गया गन्ना क्षेत्रफल आदि की सूचना निर्धारित प्रारूप पर सभी सम्बन्धित अधीनस्थ अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करायेंगे। प्रदेश के गन्ना आयुक्त की ओर से सभी विभागीय अधिकारियों को सचेत किया गया है कि राजस्व अभिलेखों से गन्ना क्षेत्रफल के मिलान कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी अनिवार्य रूप से दण्डित भी किये जायेंगे।
अधिक उत्पादकता एवं चीनी परता के लिए नवीन प्रजातियों की उपयोगिता को देखते हुए मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृत समिति (एस.एल.एस.सी.) की बैठक में 15 वर्ष से कम आयु की गन्ना प्रजातियों को ही प्रोत्साहित किये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी ने गन्ना कृषकों को सुझाव दिया है कि गन्ने से अधिक उत्पादकता एवं चीनी परता प्राप्त करने के लिए 15 वर्ष से कम अवधि की ही गन्ना प्रजातियो का चयन करें क्योंकि 15 वर्ष से अधिक आयु की गन्ना प्रजातियों के गुणों में कमी आने लगती है। जबकि नवीन प्रजातियों में रोग बीमारियों का प्रकोप भी कम रहता है।
गन्ना आयुक्त श्री द्विवेदी ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 15 वर्ष से पुरानी प्रजातियों जैसे कोस 8436, कोस 767 तथा कोसे 98231 आदि प्रजातियों की पौधशालाएं न रखे जाने तथा 15 वर्ष से कम आयु की गन्ना प्रजातियों को ही प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये गये हैं। गन्ना आयुक्त की ओर से सभी चीनी मिल प्रबन्धकों, उप गन्ना आयुक्तों व जिला गन्ना अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि गन्ना सूचना प्रणाली (एसआईएस) के अन्तर्गत गन्ना विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को भी एसएमएस तथा ईवीआरएस के माध्यम से गन्ना कृषकों को समय-समय पर वांछित सूचनाएं उपलब्ध करायी जाएं।
उल्लेखनीय है कि प्रबन्ध निदेशक, चीनी मिल संघ, लखनऊ की ओर से गन्ना आयुक्त को आश्वस्त किया गया है कि सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों में अवैध गन्ना खरीद पर अंकुश के लिए पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना पर्चिया एसएमएस के माध्यम से निर्गत करायी जायेंगी जिससे गन्ना पर्चियों के गायब होने अथवा फाड़ दिये जाने की सम्भावनायें स्वतः ही समाप्त हो जायें। प्रबन्ध निदेशक की ओर से गन्ना आयुक्त को यह भी जानकारी दी गयी है कि आगामी पेराई सत्र में सभी सहकारी चीनी मिलों में गन्ना सूचना प्रणाली (एसआईएस) शत-प्रतिशत लागू की जायेगी जिससे गन्ना विपणन कार्यो में और निष्पक्षता व पारदर्शिता लायी जा सके।
गन्ना आयुक्त द्वारा यह भी जानकारी दी गयी है कि गन्ने की अचछी पैदावार के लिए भूमि के स्वस्थ होने की अपरिहार्यता को मद्देनज़र रखते हुए गन्ना कृषकों को विभाग द्वारा बायोपेस्टी साइड व कीटनाशक अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। श्री द्विवेदी ने बताया कि वर्ष 2016-17 में विभाग द्वारा 64947 हे. कृषि भूमि को बायोपेस्टी साइड व कीटनाशक आदि के द्वारा उपचारित किया जा चुका है। जबकि वर्ष 2015-16 में 81258 हे. भूमि को उपचारित किया गया था। जिससे प्रदेश में गन्ने की औसत उपज बढ़कर 66.46 व चीनी परता 10.61 हो गयी है।
श्री द्विवेदी ने बताया है कि कृषि भूमि के उपचार से गन्ने की फसल में कीट एवं रोगों कें प्रकोप की संभावना न्यून हो जाती है जिससे स्वस्थ एवं निरोग गन्ना पैदा होने से गन्ने की उत्पादकता एवं चीनी परता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि पेड़ी गन्ना में यूरिया स्प्रे का छिड़काव अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। स्पेर में आवश्यक कीटनाशक रसायनों को मिलाकर प्रयोग करने से जहा एक ओर पेड़ी गन्ने को वांछनीय बढ़वार मिलती है वहीं दूसरी ओर पेड़ी गन्ना की फसल कीट एवं रोगों से मुक्त रहती है जिससे चीनी मिल एवं कृषक दोनों ही लाभान्वित होते है।
नूर आलम वारसी।।
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