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बोले अखिलेश यादव- खिलाड़ी हूं, जो खेल खेलता हूं, अच्‍छा खेलता हूं

जावेद अंसारी
उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी कुनबे को इकट्ठा करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को एक हिंदी टीवी चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश ने पार्टी से निष्‍काषित नेता अमर सिंह को ‘चाचा’ कहकर संबेाधित किया। तीन महीने पहले परिवार में शुरू हुए झगड़े के बाद अखिलेश ने कसम खाई थी कि वह अमर को चाचा नहीं कहेंगे। अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को एक समाजवादी बताया जो ‘अपना गुस्‍सा निजी और सार्वजनिक तरीके से जाहिर करता है।’ पिता के साथ रिश्‍तों में आई कड़वाहट पर भावुक होते हुए अखिलेश ने कहा, “मैं सोचता हूं… क्‍या क्‍या मैं अपने बेटे से कभी इतना नाराज हो पाऊंगा?” अखिलेश ने अमर सिंह द्वारा रविवार को दिए गए बयान कि वह सपा से निकाल दिए हैं और अब ‘एक छुट्टा सांड हैं जो जहां मन करता है, चरता रहता है’ को भी मानने से इनकार कर दिया। अखिलेश ने कहा, “नहीं, वह ऐसा नहीं कह सकते। वह अच्‍छे थे। मैं उन्‍हें भली-भांति जानता हूं। आप देखेंगे कि वह हम सबसे प्‍यार करते हैं।
इस बातचीत में अखिलेश कई बार अपना मजाकिया अंदाज दिखाने से नहीं चूके। कई असहज सवालों के बाद अखिलेश ने कहा कि अगर ऐसा जारी रहा तो वह ‘पार्टी का घोषणा पत्र’ ही पढ़ेंगे। उन्‍होंने कहा, “मैंने इसे (घोषणा-पत्र) पूरा रट लिया है। आखिर मुझे पूरे एक महीने तक इसे हर दिन दोहराना है।” जब अखिलेश से चाचा शिवपाल के साथ रिश्‍ते ठीक करने के बारे मं पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, “जहां तक उनके साथ चाचा-भतीजा के रिश्‍ते का सवाल है, वह कभी नहीं टूटेगा। लेकिन जब राजनीति की बात आती है तो मुझे कहना पड़ेगा कि मेरे भी कुछ सिद्धांत हैं। मैंने इसे (झगड़े) पीछे छोड़ दिया है और मैं सिर्फ आने वाले चुनावों और प्रचार पर ध्‍यान दे रहा हूं। मैं उनका भी समर्थन हासिल करना है जिन्‍हें टिकट नहीं मिला है।
अखिलेश के मुताबिक, जो भी पार्टी छोड़कर गए हैं, उन्‍हें ‘वापस लौटना ही होगा।’ सीएम के मुताबिक, वह चुनावी लड़ाई विकास के मुद्दे पर जीतेंगे। उन्‍होंने कहा, “जो लोग सपने बेचते हैं मगर उन्‍हें पूरा नहीं करते, वह हारेंगे। लोग जिंदगी बदलने वाले वादों को वोट क्‍यों नहीं देंगे जो हम कर रहे हैं? एक महिला हमें वोट क्‍यों नहीं देगी अगर हम प्रेशर कुकर देकर उसकी जिंदगी आसान बना रहे हैं? जो भी आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेसवे पर यात्रा करता है, हमें वोट देगा। जिन्‍हें लैपटॉप मिले हैं, 108 एम्‍बुलेंस की वजह से जिनकी जिंदगियां बची हैं, जो जल्‍द ही मेट्रो के जरिए सफर करेंगे, हमें वोट देंगे।”
अखिलेश ने इन बयानों को खारिज कर दिया कि उन्‍होंने पार्टी पर नियंत्रण के लिए मुलायम से लड़ाई की और जीते। उन्‍होंने कहा, ‘मैं बचपन के बाद से कभी नहीं लड़ा। मैं एक खिलाड़ी रहा हूं। जो भी खेल खेलता हूं, अच्‍छा खेलता हूं।”
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