. अनीता के समक्ष होगी ‘कमल’ खिलाने की चुनौती

पूर्व भाजपा विधायक त्रिवेणी राम की बहू हैं अनीता
दुष्यन्त यादव
आलापुर, अम्बेडकरनगर। क्या भाजपा दोहरा पाएगी लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन? क्या दो दशक बाद खिल पाएगा आलापुर में कमल? यह सवाल आलापुर सुरक्षित विधान सभा क्षेत्र की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है।भाजपा प्रत्याशी अनीता कमल के समक्ष जहां अपनों को सहेजने के साथ लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती भी होगी तो वहीं दूसरी तरफ ससुर की राजनीतिक विरासत संभालने का प्रयास भी। अनीता कमल इसमें कितना सफल होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।जी हां आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने पूर्व विधायक त्रिवेणी राम की पुत्र वधू पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनीता कमल पर दाव लगाया है।

आलापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को कमल खिलाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि वर्ष 1991 में रामलहर के उपरांत आलापुर में भाजपा का कमल नहीं खिल सका है।ऐसे में दो दशक बाद अनीता के समक्ष कमल खिलाने की चुनौती होगी वर्ष 1991 में त्रिवेणी राम 27000 से अधिक मत पाकर बसपा के सुक्खू प्रसाद को पराजित किया था।हालांकि उसके बाद से भाजपा को यहां सफलता नहीं मिल सकी है।भाजपा कभी तीसरे तो कभी चैथे स्थान के लिए संघर्ष करती नजर आती है।बीते वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में जहां सपा प्रत्याशी भीम प्रसाद सोनकर 79846 मत पाकर विधायक निर्वाचित हुए वहीं।त्रिभुवन दत्त 49823 मतों के साथ दूसरे स्थान पर थे।भाजपा के त्रिवेणी राम कांग्रेस के बाद 9925 मतों के साथ चैथे पायदान पर खिसक गए थे।वहीं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को आलापुर विधानसभा क्षेत्र में 70872 मत बहुजन समाज पार्टी को 48585 मत तथा समाजवादी पार्टी को 32670 मत व पीस पार्टी को 10423 तथा कांग्रेस को 3306 मत मिले थे।वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना की जाए तो जहां भाजपा ने नरेंद्र मोदी की लहर में अभूतपूर्व बढ़त बनाई वहीं बहुजन समाज पार्टी के मतों में मामूली गिरावट हुई। सर्वाधिक नुकसान सूबे की सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी को हुआ तथा कांग्रेस को भी विधानसभा चुनाव के मुकाबले नुकसान उठाना पड़।ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अनीता कमल के समक्ष जहां विगत 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को बरकरार रखने की चुनौती के साथ अपनो को सहेजना में जोर लगाना होगा। मौजूदा समय में मोदी लहर फीकी पड़ चुकी है और केंद्र की भाजपा सरकार ने लगभग ढाई वर्ष से अधिक का कार्यकाल भी व्यतीत कर लिया है।ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र की जनता भारतीय जनता पार्टी के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए मतदान करेगी।कुल मिलाकर आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में कमल खिलाना अनीता के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।अनीता कमल को सपा कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार भीम प्रसाद सोनकर व बसपा उम्मीदवार त्रिभुवन दत्त से पार पाना भी आसान नहीं होगा। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होती है कि आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का रुख क्या होता है और विधानसभा चुनाव में मतदाता किस तरफ करवट लेते हैं।फिलहाल अभी क्षेत्र में सियासी सरगर्मी धीरे धीरे बढ़ रही है और सभी दलों के प्रत्याशी जनसंपर्क में जुटे हुए हैं।

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