जाएें तो कहाँ जाएें – बंद हैं ATM या पड़े खराब,नो कैश का लगा है वोर्ड

इमरान सागर 

तिलहर,शाहजहाँपुर:-नोट बंदी समय को गुजने के लम्बे अन्तराल के बाद आज भी अधिकतर ए०टी०एम० मशीने बंद हैं या तो उनके आगे नो कैश की पट्टिका लटकी नज़र आ रही है,आखिर जाएें तो कहाँ जाए! नगर भर में भारतीय स्टेट बैंक के दो पंजाब नेशनल बैंक का एक ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्श की एक एक्सिस का एक एच०डी०एफ०सी० टाटा इन्डिको के दो ए०टी०एम० मौजूद हैं! नोट बंदी से पहले लगभग सभी ए०टी०एम० मशीने भलिभांति काम रही थी वही नोट बंदी के मौके पर इन मशीनो द्वारा पैसा निकालने की लिमिट के चलते भारी भीड़ देखने को मिलती रही परन्तु साथ ही विभिन्न बैंको की ए०टी०एम० मशीने मात्र शो पीस बनी दिखाई पड़ने लगी!

जहाँ एक ओर सरकार की ओर से कैरेंसी की अब कोई कमी नही है और साथ ही पैसा निकालने की लिमिट भी बढ़ा दी गई परन्तु वहीं ए०टी०एम० मशीनो को कन्डम सा बना कर अधिकतर खराब नज़र आ रही तो कुछ पर कैश न होने पट्टिकाए लटकती दिखाई पड़ रही हैं! नगर के सबसे व्यस्तम स्टेट बैंक की तीनो शाखाएें तथा बड़ौदा बैंक, ओरियन्टल बैंक तथा पंजाब नेशनल बैंक में अधिकांश भीड़ योजना का पैसा निकालने वाले गरीब और बेसहारा लोगो की उपभोगताओं की रहती है जिन्हे रोज कुआँ खोद कर ही पानी पीना होता है को काऊंटर से भी पैसा नही मिल पा रहा है क्यूंकि उनका पैन नम्बर का न होना उनके खाते से पैसा निकालने में रोड़ा बन रहा है!

सूत्रो की माने तो नोट बंदी के बाद बैंक खातो पर भारत सरकार द्वारा लागू हुए नये कानून का शिकार गरीब और मजदूर ही बनता नज़र आ रहा है जबसे जनधन योजना के तहत वह बैंकिंग से जुड़ गया! वहीं दूसरी ओर दिन भर दिहाड़ी मजदूरी करने वाला जनधन योजना के तहत बैंक खाताधारक 150 रूपये दो सौ रूपये में पैन कार्ड बनवाने में ही खुद को ठगा सा महसूस करने लग गया एैसे में यह कहना बेमानी होगा कि नोट बंदी के बाद सब कुछ सही चलने लग गया!

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