अनंत कुशवाहा
इनको न तो आयोग का डर है और न ही आलाहाकिम से फिर जब ‘सईयां भए कोतवाल तो डर काहेका, बात सत्ता से जुडे और अच्छे रसूख रखने वाले से है। मामला कटेहरी बरवाँ मार्ग से जुडे पिलखावा गाँव का है। यहां पर चुनाव घोषणा तक किसी भी कार्य को नही कराया गया। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव आते ही कार्य दिखाकर वोट लेने का काम किया जाता है। जबकि बाद मे सब कुछ शून्य दिखाई देता है।
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