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पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र पर दस लाख का हर्जाना

बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर के खिलाफ पेशबंदी में दर्ज कराया था मुकदमा
मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बैंक लोन वसूली पर दबाव के लिए एच.डी.एफ.सी बैंक इलाहाबाद के उप महाप्रबंधक डी.के गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में कैंट थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है। कोर्ट ने पेशबंदी में प्राथमिकी दर्ज कर परेशान करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्व.वी.पी.सिंह के पुत्र अजय सिंह पर दस लाख का हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि बैंक लोन अदा न कर बैंक कर्मी को आपराधिक मामले में फंसाने को सही नहीं माना जा सकता।

यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति यू.सी.श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने उपमहाप्रबंधक डी.के.गुप्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका में कैंट थाना इलाहाबाद में 26 दिसम्बर 2014 को अजय सिंह द्वारा याची के खिलाफ दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गयी थी।

मालूम हो कि अजय सिंह ने अटलांटिस मल्टी प्लेक्स प्राइवेट लि. कंपनी के नाम 16 मार्च 2006 को 25 करोड़ का लोन लिया। बाद में यह लोन राशि बढ़ाते हुए 34 करोड़ 25 लाख तक स्वीकृत हुआ। जिसकी किश्तों का भुगतान नहीं किया गया तो बैंक ने नोटिस देकर करार रद्द कर दिया और तीस करोड़ 93 लाख 947 रूपये की वसूली कार्यवाही शुरू की। अजय सिंह ने बैंक को 22 करोड़ देकर लेन खत्म करने का प्रस्ताव किया। बैंक ने नहीं माना और मय ब्याज के 30 अक्टूबर 10 को 40करोड़ 33 लाख 42 हजार 548 रूपये की डिमांड नोटिस भेज दी। इस पर नाराज अजय सिंह ने उप महाप्रबंधक के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज करायी जिसे याचिका में चुनौती दी गयी।
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