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मासूम का दुष्कर्म आरोपी पर अपराध सिद्ध, होगी फांसी की सजा

भागलपुर बिहार
सबौर में 31 मई 2015 को 12 वर्षीय मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना विरल से विरलतम है. आरोपित ने जान बूझ कर अपराध की योजना बनायी. यह उसके अमानवीय आचरण को दर्शाता है. घटना ने हर व्यक्ति की अंतरात्मा को कचोट दिया. इस तरह समाज की नैतिकता भी विचलित हुई है. यह तल्ख टिप्पणी प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश जर्नादन त्रिपाठी ने उक्त मामले की गुरुवार को सुनवाई के दौरान की. कोर्ट ने आरोपित मुन्ना पांडे को फांसी की सजा सुनायी.

इसके साथ आरोपित पर 10 हजार रुपये जुर्माना  लगाया, नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने फांसी की सजा की फाइल हाई कोर्ट की संपुष्टि के लिए भेज दी. वहां से संपुष्टि होने तक सजा स्थगित रहेगी. सरकार की ओर से मामले में पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल और बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा ने पैरवी की. यह है मामला
सबौर में पीड़िता 31 मई 2015 को अपनी बहन के यहां गयी थी. उस दिन दोपहर में उसकी बेटी का फोन आया कि छोटी बहन नहीं मिल रही है. इस पर वह सबौर आ गयी और बेटी को खोजने लगी. वह अपनी बेटी को खोजने के लिए सबौर के ही मुन्ना पांडे के यहां गयी, तो उसके घर पर ताला लगा था. इधर-उधर खोजने के बाद पीड़िता ने मुन्ना पांडे के परिजन फुच्चन पांडे से बात की. वह भी अपने ससुराल में था. एक जून 2015 को जब वह आया, तो उसके घर में प्रीतम तिवारी छिपा हुआ था, जबकि उसके घर में बाहर से ताला लगा था. इसके बाद जब मुन्ना पांडे के घर का ताला खोला गया तो वहां नाबालिग का शव मिला. पोस्टमार्टम में मौत से पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई. इसको लेकर सबौर थाना में मुन्ना पांडे व जुवेनाइल आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.
जुवेनाइल ने कोर्ट में जुर्म कबूला
मामले के एक अन्य आरोपित ने जुवेनाइल बोर्ड में घटना की पुष्टि कर जुर्म कबूल किया है. बोर्ड के साथ कोर्ट के सेशन ट्रायल में भी आरोपित का बयान कलमबंद है
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