प्रचार खत्म,जनता जनार्दन तय करेगी बिधायक

इमरान सागर
तिलहर,शाहजहाँपुर:-आयोग के आदेशानुसार चुनाव प्रचार पर पूरी तरह सन्नाटे का ताला लग गया! अब नगर सहित क्षेत्र में कहीं भी किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार वाहन ही नही बल्कि प्रत्याशी अपने साथ भीड़ को लेकर भी नही कर सकता! जितना आक्रषित करना था कर लिया गया राजनीति पार्टियों के प्रत्याशियों एंव उनके पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा!अब जनता जनार्दन के पास कई घन्टे है सोचने और समझने के लिए कि जिस प्रकार प्रचार के दौरान विभिन्न योजनाओं का प्रलोभन का भोकाल बनाया गया है वह सत्य है भी या नही! प्रचार खत्म होते ही शुरु होने वाली गुप्त मीटिगें तय करेगी कि हमारे क्षेत्र का जनप्रतिनिधि किसे बनाया जाए!

सबाल जहाँ तक प्रदेश सरकार बनाने का है तो यह समझना आसान है कि आज जनता जनार्दन विकास कार्य करने वाले की पक्षधर नज़र आ रही है न कि मात्र बादे करने वालो के साथ! सन 1952 से सिर्फ बादो के दम पर जनप्रतिनिधि चुनना क्षेत्र की जनत जनार्दन को कितना महंगा पड़ा यह किसी से छिपा नही है! बिधान सभा चुनाव मैदान में क्षेत्र से बैसे तो विभिन्न राजनीति पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है! जनपद से बॉम्बे फिल्म नगरी से अपनी कला की धूम मचाने बाले राजपाल यादव द्वारा हाल ही गठित नई राजनीति पार्टी सर्व संभव पार्टी से राजेश यादव, भारतीय कृषक दल ने अपने राष्ट्रीय महासचिव जिलापंचायत सदस्य प्रमोद कुमार यादव, भाजपा से निस्कासित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में डा० रागिनी सिंह,बहुजन समाज पार्टी से निस्कासित भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रोशन लाल वर्मा और ददरौल बिधान सभा से जनप्रतिनिधि रहे प्रदेश की मायावती सरकार में मंत्री पद पर रहे अवधेश कुमार वर्मा तथा पूर्व में केन्द्र की भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री एंव धरोहरा से जनप्रतिनिधि रहे अब समाजवादी पार्टी एंव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठबंधन से सयुक्त प्रत्याशी जितिन प्रसाद उम्मीदवार के रूप में मैदान में है! मा० न्यायालय के आदेश के बाद भी बिधान सभा चुनाव जातिय समीकरण से अछूता नज़र नही आता है लेकिन यह समझना भी गलत नही है कि चुनावी अखाड़े में लड़ाई किसकी किससे है यह प्रचार प्रलोभन का भोकाल बनाने पर नही बल्कि अब गुप्त मीटिंगे ही तय कर पाएगी! 
माना जा रहा है बिधान सभा 133 तिलहर के 330370 तीन लाख तीस हजार तीन सौ सत्तर वोटर लगभग तीन वर्गो में बट कर कड़ा फैसला ले सकते है! वहीं चर्चा है कि बिधान सभा सीट की इस लड़ाई में उम्मीदवार कितने भी हो लेकिन कहीं न कही लड़ाई तीन के बीच ही होती देखी जा रही है! भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रोशन लाल वर्मा जो कि किसान बहुल्य माने जाने के कारण क्षेत्र से दो वार बिधायक रह चुके है हाँ यह अलग बात है कि वे क्षेत्र में विकास के नाम पर कुछ भी कराने का हौसला नही कर पाए जबकि श्री वर्मा का कुछ कार्यकाल प्रदेश की सत्ता सरकार के पास भी रहा! हालाकि प्रदेश की मायावती सरकार में मंत्री रहे अवधेश कुमार वर्मा अपने क्षेत्र में सत्ता में रहते हुए क्या करा पाए यह किसी से छिपा नही है लेकिन इस बार क्षेत्र बदल कर उम्मीदवारी के मैदान में है वही देश की सबसे बड़ी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पुस्तैनी सिपाही राजनेता और केन्द्र की भारत सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद हालांकि धरौहरा को कई करोड़ से विकसित कर विगत के 13 वर्षो से अपने गृहनगर जनपद से बाहर रहकर तिलहर बिधान सभा क्षेत्र से सपा,कांग्रेस गठबंधन के सयुक्त उम्मीदवार हैं! उक्त तीनो उम्मीदवारो में दो वर्मा एंव एक बृह्मण प्रत्याशियो के बीच मुकबला नज़र आ रहा है! जाति के आधार पर जीत हार का लगने वाला गणित, आज के परिवेश में किस हद तक कामयाब हो सकता है यह समझना तब और मुश्किल हो जाता है जबकि अधिक वोटर क्षेत्र को विकसित कराने की दम एंव जो सिर्फ बादे नही,काम  करने बाले उम्मीदवार पर निगाहे टिकाए हो! 
सूत्रो से मिल रही जानकारी के अनुसार क्षेत्र में दो बार वार्चस्व बनाने रखने के बाद भी क्षेत्र को विकास से अछूता रखना इस बार दल बदल कर मैदान में उतरने के बाद भी जनता जनार्दन को सहमत नही कर पा रहा है क्यूंकि प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न कार्य योजनाओं की भरमाण होती रही परन्तु क्षेत्र में विकास कार्यो की लगातार अनदेखी की जाती रही, वहीं जनता जनार्दन की नज़र बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार पर तो हैं लेकिन प्रदेश में सरकार किसकी बन रही है यह देखना भी जरूरी समझा जा रहा है क्यूंकि प्रदेश की सरकार का बिधायक न होने का रोना क्षेत्र के विकास का कहीं रोड़ा न बन जाए! चर्चा में गठबंधन पार्टी की सरकार भी है कि प्रदेश में सरकार आने के बाद राष्ट्रीय स्तर का नेता बिधान सभा में बड़ा पद मिलने के बाद क्षेत्र को विकास की ऊंचाईयो पर लेजाने की ताकत रखता है कि नही परन्तु इसका भी इंकार नही किया जा सकता कि युवा जनप्रतिनिधि और प्रदेश में युवाओं की सरकार समय की मांग है!

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