अब रमाकांत कह रहे हैं कि बहु को समर्थन नहीं आशीर्वाद प्राप्त है। अगर कोई महिला चाहे परिवार से ही क्यों न हो चुनाव लड़ना चाहती है तो कैसे रोक सकते हैं। कांग्रेस व बीजेपी में सिंधिया परिवार का उदाहरण भी दिया। बतादें कि बीजेपी से उन्होंने इस चुनाव में अपने परिवार के लिए अर्चना, अरुण समेत तीन टिकट माँगा था लेकिन एक ही मिला। पिछले चुनाव 2012 में तीन टिकट मिलने के बाद भी एक भी नहीं निकाल सके थे। रमाकांत यादव के बड़े भाई की पुत्र वधु अर्चना यादव वर्तमान में फूलपुर ब्लाक प्रमुख हैं और आजमगढ़ की दीदारगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। रमाकांत यादव और उनका परिवार एक ही है। बीजेपी से टिकट माँगने के बाद भी नहीं मिलने पर उन्होंने बगावती तेवर अपनाया और बीजेपी नेतृत्व पर महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाया। बीजेपी को हारने की बात कही। वहीं रमाकांत के आशीर्वाद की बात कही।
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