करिश्मा अग्रवाल(विशेष संवाददाता)
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने खुद इस फैसले की जानकारी ट्वीट कर दी। वहीं, संस्कृत आंदोलन रत संगठन, खासकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ असम सरकार के इस फैसले से बहुत खुश हैं। संघ ने कहा है कि असम की तरह देश के बाकी राज्यों को भी चाहिए कि स्कूलों में संस्कृत भाषा को अनिवार्य करें। संघ अपने प्रभाव वाले स्कूल पहले से ही इसका पालन कर रहे हैं।सोनोवाल का ट्वीट इस प्रकार है-
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