कानपूर – जीआरपी पर नहीं है उच्चाधिकारियों के निर्देशों का असर.अब भी बिक रहा गैर मानक का पानी,तरस रहे यात्री

(मो0 नदीम) दिग्विजय सिंह एव निजामुद्दीन की रिपोर्ट
कानपुर 10 मार्च 2017
एशिया का सबसे बडा और देश का सबसे पुराना विभाग रेलवे जहा रोज़ाना लाखो यात्रियो का आवागमन होता है यात्रियो की सुविधा एवं सुरक्षा की ज़िम्मेदारी रेलवे अधिकारियो की है इसके अलावा जी0 आर0 पी0 एव आर0 पी0 ऍफ़0 पुलिस पर रेलवे में होने वाली आपराधिक गतिविधियो एवं अवैध रूप से फैलाये माफियाओ के काले कारोबार पर अंकुश लगाने की ज़िम्मेदारी है परन्तु अगर रेलवे पुलिस ही अवैध कारोबारियों पर अपनी कृपा दृष्टि डालते हुए आखे मूँद ले तो जाहिर है कि रेलवे में होने वाले अवैध कारोबार की जड़े मजबूत होगी साथ ही अवैध काम को संचालित कर दबंग माफियाओ के हौसले भी बुलद हो जायेंगे जिससे वो जब चाहे कोई भी मनमानी करने से गुरेज नही करेंगे

कानपुर सेंट्रल रेलवे पर नही बन्द हो रहा है बिकना कम गुणवत्ता वाले मिनरल वाटर 
खुलेआम प्लेटफार्म से लेकर ट्रेनों ने घुसकर बेच रहे है अवैध वेण्डर पानी जो ना ही रेलवे विभाग के किसी भी अधिकारी को ये वेण्डर दिख रहे है और ना ही राजकीय पुलिस को इससे आप यही से अंदाजा लगा सकते है कि कितने दबंग है ये जल माफिया जो बिना किसी से डरे रेलवे में अपने अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे है और यात्रियो को मजबूर कर रहे है रेल नीर की जगह सस्ते ब्रांड के पानी को खरीदने के लिए और ये सारा अवैध खेल रेलवे प्रशासन की सक्रियता के बावजूद खेला जा रहा है रेलवे अधिकारियो की मुकदर्शिता को देखकर तो ऐसा लगता है कि जैसे जल माफियाओ को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है रेलवे अधिकारियो का तभी तो ये जल माफिया बिना किसी के प्रमाणित किये अवैध वेंडरों के साथ बोरिया बिस्तर लिए रेलवे में जमे हुए है कहते है जिसको भगवान रक्खे उसको कौन चक्खे – और जो पुलिस का संरक्षण पावे – वो काहे किसे से डर जावे
नहीं कम हो रही रेलवे में यात्रियो को होने वाली असुविधा
अभी हाल ही में यात्रियो को होने वाली असुविधा का खुलासा हमारी टीम ने किया था जिसमे पानी प्रमुख रूप से था इस समाचार का संज्ञान पुलिस मुख्यालय ने लिया और कानपूर पुलिस को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित भी किया कानपूर पुलिस ने इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जीआरपी कानपूर को भी दिए गए. मगर लगता है कि जीआरपी कानपूर अपने दोनों कानो का प्रयोग करता है एक सुनने के लिए और एक निकालने के लिए. और यही हुआ भी. समाचार के बाद निर्देशों के बावजूद भी आज तक अवैध वेंडर गैर मानक का पानी बेचता नज़र आ रहा है. इतने बड़े खुलासे के बाद भी रेलवे विभाग नहीं जागा इससे तो यही लगता है यात्रियो को होने वाली असुविधा से उसे कोई सरोकार नही है आज भी रेलवे के कई प्लेटफार्म के फ्रीज़र ज्यो के त्यों खराब पड़े है आरओ बुध पर ज्यादा भीड़ होने की वजह से कई यात्री नलो का गर्म पानी पीने को मजबूर हो रहे है यात्रियो को होने वाली असुविधा एवं अवैध पानी के प्रकरण के खुलासे के बावजूद रेलवे अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में सोये हुए है और जानबूझकर रेलवे में अवैध जल माफियाओ द्वारा कराये जा रहे गोरखधंधे को मुकदर्शको की तरह देख रहे है इससे तो यही लगता है कि पैसा बोलता है
अवैध खान पान भी रेलवे में फल फूल रहा
अवैध पानी ही नहीं रेलवे में कम गुणवत्ता वाला खान पान भी अवैध रूप से रेलवे में वेंडरों की मदद से फल फूल रहा है दबंग माफियाओ द्वारा बिकवाये जा रहे खान-पान में प्रमुख रूप से पूरी,समोसा,राईस चावल,छोला भटूरा,एवं वेज बिरयानी है ये सारा भोजन क्षेत्रीय मलिन बस्तियों से बनकर आता है जिसे बिना रेलवे खान पान विभाग के जाँचे परखे यात्रियो को परोसा जा रहा है  और खान पान विभाग भी खुली आखो से ये सारा फर्जी वाड़ा देख रहा है और ये भी नहीं सोच रहा है कि बाहर से बनकर आ रहे भोजन में कोई भी अराजकतत्व बड़ी आसानी से मिलावट करके यात्रियो को नुकसान पहुचा सकता है  लगता है जैसे खान पान विभाग इंतज़ार कर रहा है यात्रियो के साथ होने वाली किसी बड़ी घटना का 
कहा तक फैला है जल माफियाओ का नेटवर्क
रेलवे में पानी के अवैध कारोबारियों में इरफ़ान रायनीका नाम सबसे ऊपर आता है उसके बाद शिवम्और राहुलसिर्फ इनके ही अंडर में कम से कम तीस वेण्डर काम करते है जिससे इन्हें महीने में लाखो रुपये की कमाई होती है इनके वेंडर ट्रेनों पर चढ़कर सेंट्रल से लेकर मगरवारा, चकेरी,एव पनकी तक पानी बेचते नज़र आ जायेंगे अभी हाल ही में एक और जल माफियाओ में कल्लू का नाम निकलकर सामने आया है इसका नेटवर्क तो इरफ़ान रायनी शिवम् और राहुल से भी बड़ा है कल्लू का नेटवर्क झकरकटी  आउटर से लेकर सेंट्रल तक फैला हुआ है बिना किसी से डरे गोविंदपुरी पनकी,मगरवारा,।एव चकेरी तक कल्लू के अवैध वेण्डरो की टीम पानी के साथ खान पान भी बेचती दिखाई दें जायेगी लोगो की माने तो कल्लू की रेलवे पुलिस के अलावा क्षेत्रीय पुलिस से भी अच्छी साठ गाठ होने की वजह से रेलवे में अवैध कारनामो को बड़ी आसानी से अंजाम दे रहा है ताज्जुब की बात तो ये है कि अवैध कारोबारी और वेण्डरो  का गोरख धंधा सबको दिखता है तो फिर रेलवे के आला अधिकारियो को क्यों नहीं दिखता है ये बात कुछ हजम नहीं हो रही है

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