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कानपुर – जल माफियाओ की कारगुज़ारी से रेल यात्री पानी को तरसे,पुलिस की भूमिका संदिग्ध

(मो0 नदीम) के साथ दिग्विजय सिंह एव निज़ामुद्दीन की रिपोर्ट
कानपुर 01 मार्च 2017
संसार में मानव जीवन के लिए अगर सबसे महत्वपूर्ण कुछ है तो वो है जल अगर जल ना होता तो मानव भी ना होते शायद यही वजह रही होगी सतयुग में धरती पर मानव के अस्तित्व को बचाने के लिए महर्षि भगीरथ ने शिव जी की आराधना कर गंगा जी को धरती पर विराजमान करवाया और गंगा जी से वादा लिया कि जब तक धरती पर मानव जाति रहेगी वो धरती पर विराजमान रहेगी इसीलिए जल अनमोल होने के बावजूद इसका कोई मोल नहीं है लेकिन कलयुग के रावणो ने दौलत कमाने के लालच में जल का भी मोल लगा दिया और मानवो को मजबूर कर दिया जल की कीमत लगाने के लिए।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियो की मज़बूरी का फायदा उठाया जा रहा है और रेलवे प्रशासन आखे मूंदे हुए सारा तमाशा देख रहा है बताना चाहेंगे सेंट्रल रेलवे पर रेल नीर मिनरल वाटर के बजाय कम गुणवत्ता के अवैध मिनरल वाटर को खुलेआम अवैध वेंडरों द्वारा ज्यादा कमीशन के लालच में रेलवे के जल माफिया बिकवा रहे है जिसमे पवन,आसना, एवं एलपाइन,मिनरल वाटर मुख्य रूप से शामिल है इसे रेल नीर से भी ऊची कीमत पर बिकवाया जा रहा है कम गुणवत्ता वाले अवैध मिनरल वाटर रेलवे की गाइड लाइन में नहीं है फिर भी इन्हें यात्रियो को धड़ल्ले से परोसा जा रहा है ताज्जुब की बात तो ये है कि इन मिनरल वाटर व अवैध वेंडरों पर अभी तक रेलवे के किसी भी आला अधिकारी की नज़र अभी तक क्यों नहीं पड़ी है  ये बात किसी भी कीमत पर हलक से उतरती नहीं दिख रही रही है
कही जल माफियाओ पर रेलवे पुलिस की कृपा दृष्टि तो नहीं
वही लोगो की माने तो इन सस्ते मिनरल वाटर की सप्लाई के एवज में एक मोटी रकम रेलवे विभाग को जल माफियाओ पहुचाई जाती रही है और ड्यूटी बदलने पर हर सिपाही को रोज़ाना 100 रू दिए जाते है शायद इसी वजह से रेलवे प्रशासन आखो पर काला चश्मा चढ़ाये हुए है तभी तो इतना बड़ा गोरख धंधा दिन के उजाले में भी अधिकारियो को नहीं दिखाई दे रहा है और बेचारे यात्री कम गुणवत्ता वाला मिनरल वाटर को महंगे दामो में लेने को मजबूर है
कौन है ये जल माफिया
चर्चाओ के अनुसार इन जल माफियाओ का एक बड़ा नेटवर्क है. एक अवैध वेंडर ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि जल माफिया में अगर सबसे पहले किसी का नाम आता है तो वो है इरफ़ान रायनी जिसके रेलवे में  कदम क्या पड़े कि रातो रात अमीर हो गया मात्र एक ट्रेन कि कैटरिंग का ठेका लिये इरफ़ान कई गाडियो में कैटरिंग के सामान के अलावा मिनरल वाटर भी सप्लाई करता है या यूँ कहे इसका मुख्य काम ट्रेनों में अवैध मिनरल वाटर सप्लाई करना है जिसमे मोटा कमीशन है  इसके अलावा हरवंश मोहाल निवासी राहुल और शिवम  दोनों मिलकर अवैध वेंडरों द्वारा स्टेशन पर ही अवैध मिनरल वाटर बिकवाते है वो भी  बगैर ज़ी0 आर0 पी0 और आर0 पी0 ऍफ़0 के डरे हुए जाहिर है पुलिस का संरक्षण जो साथ है
कही रेलवे के खराब पड़े नल में जल माफिया का हाथ तो नहीं
रेलवे को अपने बाप की बपौती समझ बैठे जल माफिया किस हद तक गिर जाते है पैसा कमाने के लिए इस बारे जब हमारी टीम ने पता किया तो रेलवे में काम करने वाली एक अवैध महिला वेंडर ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर हमे बताया कि गर्मी के पैर पसारते ही जल माफिया रेलवे में अपने पुरे ताम झाम के साथ सक्रिय हो जाते है और सबसे पहले ये रेलवे प्लेटफार्मो में जगह-जगह लगे पीने के पानी के नलो को रेलवे कर्मचारियों की मदद से खराब करवा देते है ताकि आने जाने वाले यात्री पानी ना मिलने पर मिनरल वाटर खरीदने पर मजबूर हो जाए वही यात्रियो की सुविधा के लिए लगाए गए ठन्डे पानी के फ्रीजर भी इन जल माफियाओ की कारगुज़ारी की वजह से ही आये रोज़ खराब पड़े रहते है वही यात्रियो को पानी की असुविधा को देखते हुए सेंट्रल के कई प्लेटफार्मो पर पानी के बूथ लगाए गए है जिससे यात्रियो को शुद्ध एव सस्ता पानी मिल सके लेकिन होता उल्टा ही है ज्यादातर समय बूथ पर बैठा व्यक्ति गायब ही रहता है यात्री जब इन बुथो पर पानी लेने जाते है तो बड़ी मुश्किल से बूथ पर बैठा व्यक्ति छुट्टे पैसे ना होने का बहाना करके घुड़की देकर यात्रियो को भगा देता है बेचारे यात्री ट्रेन के छुटने के डर से वापस चले जाते है या फिर वेंडरों द्वारा बेच रहे कम गुणवत्ता वाले मिनरल वाटर को लेने पर मजबूर हो जाते है
क्या कोई चेक करता है अवैध वेंडरों का प्रमाण पत्र
कानपुर सेंट्रल पर पानी के अलावा और भी कई चीजे ठेकेदारो की सरपरस्ती में वेंडरों द्वारा बिक्वाई जाती है आज तक शायद ही किसी अधिकारी इन वेंडरों का प्रमाण पत्र चेक किया हो ये बताना मुश्किल है जब ये वेण्डर बिना किसी से डरे बगैर प्रमाण के देश के सबसे बड़े विभाग रेलवे में अपना काम कर रहे है तो सोचिये देश का बुरा सोच रहे दहशतगर्दो को कितना वक़्त लगेगा अपनी घटना को अंजाम देने में ट्रेनों में भी कई बार वेंडरी की आड़ में लुटेरो ने यात्रियो के साथ लूटपाट की है इसके बावजूद रेलवे पुलिस पैसे के लालच में कुम्भकर्णी नींद में सोते हुए अवैध वेंडरों को पैर पसारने दे रही है और ये भी नहीं सोच रही है कि वेण्डरी की आड़ में ये वेण्डर किसी भी बड़ी घटना को अंजाम ना दे दे अगर ऐसा कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी ज़िम्मेदारी किस पर होगी  ये तो भगवान् ही जाने
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