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बिहार – हैवानियत की इन्तहा उठा पुलिस से विश्वास, अब अदालत खुद करेगी न्यायिक जांच.

गोपाल जी 

अब लोगो को गुंडों से ज्यादा पुलिस के चेहरों से डर लगने लगा है. न जाने कब झूठे केस में फ़सा दे और अपने वर्दी के नशे में निर्दोष गरीब लोगो  को जेल भेज दे.बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट में बिहार पुलिस ने एक ऐसे ही घटना का अन्जाम दिया. जानकारी मिलने पर अदालत ने तीखी टिपण्णी करते हुए न्यायिक जांच करने की बात कही है. इससे पहले इस मामले में पुलिस की बर्बरता पर कार्रवाई करते हुए एसएसपी ने पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया था.

मामला गुरुवार रात का है जहाँ गायघाट के पछियारी टोला में मैठी निवासी अभिनय शादी करने पहुंचा था. हुआ कुछ इस प्रकार कि बोचहां थाना के मैठी निवासी अभिनय की शादी गायघाट पछियारी टोला में तय हुयी. लड़का और लड़की दोनों आपस में फोन पर बातचीत करने लगे. बातचीत के क्रम में लड़के को पता चला की लड़की के पिता की तबियत ख़राब है. लड़का अपने होने वाले ससुराल पहुंचकर हाल चाल लेने लगा. वहां उसे पता चला की उसके ससुर की इच्छा है की उसके बेटी की शादी पिता के जीते जी हो जाये. लड़का उसी समय शादी को तैयार हो गया. तभी  गायघाट पुलिस को कहीं से सूचना मिली की गायघाट पछियारी टोला में अपहरण कर शादी कराई जा रही है. गायघाट पुलिस ने शादी स्थल पर पहुँच कर वहां शादी कर रहे जोड़े को गिरफ्तार करने का प्रयास किया. लोगों के विरोध करने पर पुलिस वाले वापस लौट गए और कुछ देर बाद चार थानों की पुलिस के साथ फिर आ धमके और फिर शुरू हुआ पुलिसिया तांडव. पुलिस ने शादी के जोड़े सहित वहां मौजूद सभी ग्रामीणों को जमकर पीटा. आरोपों के अनुसार दुल्हन के साथ उसकी बड़ी बहन के साथ बदसलूकी किया और दोनों बहनो की बर्बरतापुर्वक पिटाई करने के बाद उसे थाने लाया गया जहाँ दुल्हन के निजी अंगो पर पुलिस ने राइफल के कुंदे से प्रहार किया.
घटना का पर्दाफाश तब हुआ जब अपहरण के अपहृत लड़के ने अदालत को शपथ पत्र देकर कहा की मेरा अपहरण हुआ ही नहीं था. पुलिस ने सादे कागज पर दस्तखत कराकर उस कागज पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर दिया है. इतना ही नहीं मीडिया को अपहृत अभिनय ने बताया की शादी उसकी मर्जी से हो रही थी और आज भी शादी उसको स्वीकार है.अपनी अमानवीय हरकत और कुकृत्य को छिपाने के लिए पुलिस ने लड़के से सादे कागज पर निशान भी ले लिया. रात भर अमानवीय तरीके से पीटने के बाद गायघाट पुलिस ने पीड़िता दोनों बहन और उसके दो भाइयों को गिरफ्तार कर न्यययिक हिरासत में भेजने का प्रयास किया. जेल प्रशासन ने दोनों बहनो की गंभीर स्थिति को देखते हुए जेल में रखने से इंकार कर दिया.
इधर अपहृत अदालत में दायर शपथ पत्र में अपहरण की घटना से इंकार किया है. घटना जानकारी देते हुए अधिवक्ता  संगीता शाही ने बताया की न्यायलय ने मामले की खुद जांच करने का निर्णय लिया है. लोगो में पुलिस के प्रति विश्वास खत्म हो चूका है.आखिर हो भी क्यों न जिस पुलिस को वह अपना रक्षक मानती हो अगर वही भक्षक बन जाय तो भरोसा तो खत्म होगा ही. हालांकि मीडिया में बात आने के बाद एसएसपी ने पूरे थाने को लाइन हाजिर करते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है.
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