घोसी(मऊ) – घायल दलित की नहीं लिखी ऍफ़आईआर, दम तोड़ दिया उसने बिना इलाज थाने में.

संजय ठाकुर/ सुहैल अख्तर.
घोसी(मऊ)। स्थानीय कोतवाली स्थित धरौली निवासी रामप्यारे 62 वर्षीय पुत्र रामेश्वर को बड़ागांव भरौटी निवासी छोटईया पुत्र रामवृक्ष ने शनिवार की शाम को रामप्यारे को लात जूतों से पीट पीटकर घायल कर दिया था। जिसकी रविवार की सुबह लगभग 9 बजे घायल की मृत्यु हो गयी। इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह था कि घटना कि शिकायत पंजीकृत करवाने के लिए घायल को लेकर परिजन दो दिन तक थाने पर दौड़ते रहे मगर वहा शिकायत पंजीकृत नहीं हुई और सम्बंधित पुलिस कर्मी पर परिजन का आरोप है कि वह शिकायत पंजीकृत करने के जगह उलटे घटना में घायल व्यक्ति को ही गालिया देता रहा और शिकायत पंजीकृत करने से मना करता रहा.

जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम रामप्यारे अपने खेत में धान की नर्सरी की सिचाई करहे थे। उसी समय छोटकईया सिचाई के पानी में शौच करने लगा। रामप्यारे उसे बोले कि दिखाई नहीं दे रहा है। हम यहां सिचाई कर रहे है। इसी बात पर छोटकईया ने रामप्यारे को लात घूसों से मारा। तीन बार पेट पर पाव से मारकर घायल कर दिया। रामप्यारे वहीं बेहोश होकर गिर गये। जब इसकी सूचना परिजनों को मिली तो मौके पर पहुंचकर  आनन फानन में  एम्बुलेंस को सूचना दी किन्तु एम्बुलेंस नहीं आया। लोगों ने प्राइवेट वाहन से उपचार के लिए नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने परिजनों से थाने की रिपोर्ट दिखाने को कहा। परिजनों ने रामप्यारे को लेकर थाने में एफआईआर लिखवाने पहुंचे। थाने में उपस्थित इस आई अजय कुमार त्रिपाठी ने परिजनों से जाति पुछा। हरिजन जाति की जानकारी होने पर अजय कुमार त्रिपाठी ने अनाफ सनाफ़ शब्द बोला। घायल व्यक्ति को देख कर एस आई बोला कि ये बुड्डा नाटक किया है अभी चार लात मार खायेगा तो उठकर बैठ जाएगा। परिजन ने रामप्यारे को प्राइवेट डॉक्टर से दवा लेकर रात्रि घर चले गये। रविवार की सुबह साढे आठ बजे रामप्यारे की हालत गंभीर होने पर परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गये। डॉक्टर ने पुनः थाने की रिपोर्ट मांगी । परिजन ने कोतवाली में रामप्यारे को लेकर पहुंचे। फिर भी एफआईआर न होने पर परिजन थाने में दटे रहे। घायल व्यक्ति रामप्यारे 9 बजे थाने में दम तोड़ दिये। जब इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को मिली तो पसीने छूटने लगे। गुस्साए परिजन ने शव को लेकर धरौली मोड़ स्थित राज्य मार्ग 29 पर शव रखकर किया जाम। धीरे धीरेे गांव के लोग भारी संख्या में पहुंच कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर तहसीलदार घोसी व क्षेत्राधिकारी घोसी अपने दल बल के साथ पहुंचे।  निम्न आश्वासन पर जाम हटा।
  • एस आई अजय कुमार त्रिपाठी लाईन हाजिर किया गया। मुल्जिम की तत्काल 24 घण्टो में  गिरफ्तारी होगी तथा धारा 308 से 302 मुकदमा दर्ज होगा।
  • मृतक के वारिस को कृषक बीमा के तहत पाॅच लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी तथा
  •  मृतक के वारिस को राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत आर्थिक सहायता दिया जाएगा। तब जाके जाम हटा। जाम से 3 घण्टे तक आवागमन बाधित रहा।

अब यहाँ प्रश्न यह खड़ा होता है कि आखिर इस मौत का असली ज़िम्मेदार कौन है. क्या वह व्यक्ति जिसने मार पीट कर घायल कर दिया या फिर वह चिकित्सक जो इलाज के पहले FIR की कॉपी माग रहा था. या फिर वह एसआई अजय कुमार त्रिपाठी जिसने अपने कर्तव्यों का निर्वहन न कर FIR दर्ज नहीं किया और आरोपों के अनुसार लगातार घायल को ही गालिया देता रहा. जो भी हो प्रकरण में जांच किसकी होगी अभी यह उच्चाधिकारियों द्वारा साफ़ होना बाकी है.

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