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ट्रम्प ईरान से लड़ने का दिल का अरमान, सीरिया में पूरा कर सकते हैं

करिश्मा अग्रवाल
अमरीकी वेबसाइट ब्लूम्बर्ग ने लिखा है कि ट्रम्प ईरान से लड़ने के अपने दिल के अरमान सीरिया में निकाल सकते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक़, सीरिया में दाइश के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों को आज़ाद कराने के लिए प्रतिस्पर्धा जारी है। सीरिया में जारी लड़ाई समय बीतने के साथ साथ अधिक जटिल होती जा रही है। यही कारण है कि वाशिंग्टन, मास्को और तेहरान में सैन्य कमांडर अब आतंकवादी गुटों के ख़िलाफ़ लड़ाई से कहीं आगे जाकर योजना बना रहे हैं। उनके लिए अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दाइश और आतंकवादी गुटों को बाहर करके कौन इन इलाक़ों पर निंयत्रण करेगा।

यह विषय अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के लिए किसी संकट से कम नहीं है। लेकिन इस बीच ईरान इस मैदान में बाज़ी मारता नज़र आ रहा है। अमरीकी वेबसाइट ने लिखा है कि अमरीका ने 2003 में इराक़ पर हमला करके सद्दाम का पतन कर दिया, जिसके परिणाम स्वरूप वहां ईरान का समर्थन करने वाली शिया सरकार सत्ता में आ गई। आज सीरिया में भी ईरान के सहयोगी राष्ट्रपति बशार असद की सरकार 6 साल से समस्त शक्तियों के सामने डटी हुई है। हालांकि अमरीका ने असद को हटाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया। परिस्थितियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि अमरीका और उसके सहयोगी गुटों के क़ब्ज़े में जो इलाक़े हैं उन पर भी तेज़ी से असद और उनके सहयोगियों का कंट्रोल हो जाएगा।
दूसरी ओर इराक़ के स्वयं सेवी बलों की सीरिया सीमा की ओर प्रगति के बाद, यह सवाल पूछा जा रहा है कि इलाक़े में मौजूद अमरीकी फ़ौजी कहां चले गए। इराक़ी स्वयं सेवी बलों का कहना है कि अमरीकी फ़ौजी इराक़-सीरिया सीमा पर अपनी चैक पोस्ट ख़ाली करके इराक़ में प्रवेश कर गए हैं, जबकि वहां मौजूद ब्रिटिश फ़ौजी पीछे हटते हुए जॉर्डन की ओर चले गए हैं।
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