शिविर लगाकर सभी मामलों का निपटारा करना था। करीब 10 से 15 मामले उनके पास भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने शिविर नहीं लगाया और निर्देश का उल्लंघन किया। इस कारण उनका वेतन बंद किया जाता है। इसके बाद डीपीओ स्थापना ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को डीईओ के खिलाफ पत्र लिख दिया है। डीपीओ का कहना है कि डीईओ को वैधानिक अधिकार ही नहीं हैं उनका वेतन बंद करने का। जो भी मामले आएं हैं उनका निपटारा किया जा रहा है।
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