लापरवाही का केंद्र है मधुबन, शिकायत पत्रों का नहीं होता निस्तारण

प्रदीप पाण्डेय
मधुबन(मऊ)। पीड़ित लोगों का कहना है कि तहसील दिवस अब तमासा दिवस बन गया है। पीड़ित लोगों ने अपनी दरख्वास्त सम्बन्धित अधिकारियो को देकर काफी निराश हैं। शिकायतकर्ताओं की माने तो अधिकारियों द्वारा बातों से पेट भरा जाता है जबकि न्याय और हक का विचार नहीं किया जाता।

पीड़ितों द्वारा बार बार शिकायत देने पर और कार्य न होने पर असंतुष्टि जताते हुए योगी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे है। इसमें लापरवाही के सबब तहसीलदार, लेखपाल की ढीली रवैया यह बयान कर रही है कि शिकायत का निस्तारण असम्भव है। आखिर लोगों के हित को अधिकारियों द्वारा कबतक नज़र अंदाज़ किया जाएगा।                        

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