आज भी खामोश रहे लूम,सुने रहे करघे, बुनकरों ने दिखाई वाराणसी में अपनी शक्ति.

केंद्र सरकार काशी की गंगा जमुनी तहजीब की दुश्मन, ख़त्म करना चाहती है काशी का तानाबाना – अब्दुल समद अंसारी (पुर्व विधायक, वाराणसी – उत्तरी)
आपकी तो औलाद नहीं साहेब, कितनी माँ को बेऔलाद करोगे साहेब – पार्षद साजिद अंसारी.
रात के अंधेरो में काले काम होते है, जीएसटी जैसा काला कानून भी रात के अँधेरो में लागू हुआ है – पार्षद रमजान अली 

“जावेद अंसारी की खास रिपोर्ट”

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नाटी इमली बुनकर काॅलोनी के मैदान में जीएसटी विरोध को लेकर एक आम सभा हुई। जिसमें बनारस के सभी बुनकरों ने मुर्री बंद कर लगभग 25 से 30 हज़ार की संख्या में शामिल हुए। शायद वाराणसी का पहला ऐसा मौक़ा था कि वाराणसी के गैर राजनैतिक संगठन के तरफ से आहूत किसी सभा में शहर के इतने बड़े संख्या में लोग इकठ्ठा हुवे. मुद्दा बस एक था. झंडा भी एक ही था और वह था बुनकर तंजीम. इस बुनकर तंजीम की एक ही मांग और वह थी केवल जीएसटी का विरोध. विरोध भी ऐसा वैसा नहीं. बुनकर तंजीम ने ऐसा शांति पुर्वक विरोध आज दर्ज करवाया है जिसको देख कर कई राजनैतिक दल भी सकते में आ गया. पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन किसी तरह की हिला हवाली के मूड में नहीं थी और सुरक्षा का पुख्ता इंतज़ाम किया था. मंच से एक एक कर सभी वक्ता अपने विचार प्रकट कर चुके थे तब आखिर में वाराणसी उत्तरी के पुर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने माईक संभाला और अपने शब्दों के तीर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी पर छोड़े.

वाराणसी वस्त्र उद्योग के  राजन बहल की अध्यक्षता में हुई इस सभा का सञ्चालन अतीक अंसारी एवं अनवारुल हक़ ने किया। सभा को संबोधित करते हुए पुर्व विधायक हाजी समद अंसारी ने कहा कि हमारे इस शहर के बुनकर बिरादराना तन्जिम के तमाम बड़े बुजुर्ग हमारे साथ मंच पर है। हमारे महानगर के सबसे लोकप्रिय एसपी सीटी साहब दिलीप कुमार सिंह के साथ एडीएम सिटी साहब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्रक देने के लिए उपस्थित हैं।  तमाम क्षेत्रधिकारी कोतवाली चेतगंज भी है, साथियों मुझे यही कहना हैं कि सारे वक्ताओं ने अपनी बात कह दी हैं हम लोग जीएसटी के काले कानून का विरोध करते हैं। और उम्मीद करते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे शहर के सांसद हैं और बतौर सांसद देश के प्रधानमंत्री होने के नाते तमाम बुनकरों एवं गद्दिदार कोठीदार को आप सभी एक मंच देख रहे हैं।
बनारस की जो हमारी गंगा जमूनी तहज़ीब हैं जो हमारा तानाबाना हैं, उसको भारत सरकार खत्म करना चाहता है, और हम लोगों ने ये निर्णय लिया है कि जब तक भारत सरकार जीएसटी नाम के इस काले कानून का निर्णय वापस नहीं लेती। तब तक हम इसका विरोध करेंगे। हमारे प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि जिस तरीके से पूरे देश के अंदर सूरत से लेकर कोलकाता और मुंबई से लेकर दिल्ली तक सभी कारोबारीयों ने इस काले कानून का विरोध किया हैं। हम इस क़ानून का कडा विरोध करते है. हम बनारस के बुनकर अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाना चाहते हैं, और हमें उम्मीद हैं की हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमारी बात सुनेंगे। उनके बारे में कहा जाता है कि मोदी जी विकास पुरुष हैं उनके विकास के बारे में हम सब लोगों ने सुना हैं और जैसे ही वो विकास की तरफ़ देखते हैं तो विदेश का अमंत्रण आ जाता है। और जब विदेश दौरे पर चले जाते हैं तो भुल जाते हैं कि हमें क्या करना है और देश की 125 करोड़ जनता हमारे प्रधानमंत्री पर विश्वास करती थी मगर  वह विश्वास मोदी जी से खत्म कर दिया है। इसलिए की देश की जनता के पेट में जो आग लगी है एवं तरह तरह की घटना को देखकर लगी है। रात के अंधेरे में जब भारत सरकार अपना काला कानून लागू करती हैं तो पूरे देश में खलबली मच जाती हैं। भारत सरकार को वो दिन देखना दूर नहीं है । जब जनता अपने पेट की आग बुझाने के लिए 2019 में अपनी भड़ास निकालेगी। यह सरकार खत्म हो जाएगी। अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो हम बुनकर 2019 तक इस अंदोलन को लेकर चलेंगे। हमारे और आपके बीच जो बुनकर एवं कपड़ा व्यापारी हैं हम उनसे कहेंगे हमारे बुनकरों भाइयों के खाने पीने का इंतेज़ाम कर दिजिए। हम इस अंदोलन को 2019 तक लेकर चलेंगे।
भारत सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है, और नोटबंदी जैसा काला कानून लागू करके देश को गुमराह किया। उसके बाद जीएसटी जो उससे भी घातक कानून हम बुनकर गरीब मज़दूर पर धोप दिया। पूरे देश की जनता नोटबंदी को कैसे झेला ये देश की जनता जानती हैं। भारत सरकार ने देश की जनता को गुमराह किया। नोटबंदी से जनता को नुकसान हुआ। उसी तरह सरकार बता रही हैं की जीएसटी लागू होने हमारे देश की जनता को फायदा होगा। फायदे तो बहुत गिना दिये लेकिन नुकसान कोई नहीं बताया कि जीएसटी से किस किस के उपर गाज गिरेगी। अरे साथियों जब भी सरकार कोई पालिसी बनाती हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान बड़े लोगों को होता हैं। उन्होंने कहा कि  हमारे व्यापार मंडल के लोग आपके लिए ही आए हैं उनका कहना हैं कि हम अपने बुनकर के लिए नहीं आएँगे तो उनके रोजगार पर असर पड़ेगा। आज हम लोगों ने एसपी सीटी एडीएम सीटी को पत्र दिया है। एडीएम सीटी बोले की हम आपके पत्र को भाजपा कार्यालय तक पहुचाएँगे। अरे एडीएम साहब कार्यालय तो हम लोग डेली नोटिस पहुँचा रहे हैं। आप तो बस कुछ ऐसा कर दो कि  मोदी जी हमारी बात सुन लें। और काला कानून जीएसटी हटा दें।
क्या कहा पार्षद साजिद अंसारी ने
साजिद अंसारी ने कहा भारत सरकार ये ऐलान चंद दिन पहले लागू हुआ था। कि एक जुलाई से जीएसटी लागू होगी से हिन्दूस्तान के अंदर जीएसटी लागू होगी। लेकिन ये एक जुलाई का जो टैक्स दिया गया था । वो नवम्बर में जब नोट बंदी हुई थी, ये तभी हो गया था कि हिन्दुस्तान की माली हालत खराब होने वाली है। हिन्दुस्तान के अंदर जब नोट बंदी किया गया, उसके बाद आजतक की माली हालत खराब है। इसकी ओर से नोटबंदी बेच के वज़िरे आज़म ने लगा दिया। हमको टैक्स देना पढ़ रहा है पहले हम कच्चे धागों पर टैक्स दें, फिर बनाया हुआ माल पर टैक्स जो ये हमको कत्तई मंजूर नहीं है। दोस्तों याद होगा आपको कुछ साल पहले भारत सरकार ने एलपी डब्लू शुल्क लगाया था। रेशम ताने बाने पर टैक्स लगाया था लेकिन भारत सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।जबजब बनारस की तन्ज़िमें इकट्ठा हुई हैं और अपनी आवाज़ों को बुलंद किया हैं तब तब भारत सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा हैं। दोस्तों हम आपको ये बताने आए हैं बनारस बुनकर तन्जि़म के लोग दिल्ली की बैठी सरकार को ये बताने आई है  कि बनारस के लोगों का जिगर अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए आज इस मैदान में इकट्ठा हुआ है। दोस्तों मैं एक सेर के साथ अपनी बात खत्म करता हूँ। और कितना बर्बाद करोगे साहेब, क्या नया क्या इजाद करोगे साहेब, खुद को औलाद नहीं कितनी माँ को बे औलाद करोगे साहेब।
इस नुक्कड़ सभा में काजीपुरा,जलालीपुरा, मोहम्मद पुरा, रसूलपुरा, बड़ी बाजार, जैतपुरा, कमालपुरा, छीत्तनपुरा, सरैया, शक्कर तालाब, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, लोहता, बजड्डीयाँ, पीली कोठी, दोसी पूरा, कमन गड्हा, चौहट्टा लाल खान, नक्की घाट, बुनकर काॅलोनी, बाकरा बाद, अम्बीया मंडी, गोलगड्डा, तमाम बुनकरों ने जीएसटी काला कानून के खिलाफ आवाम की मांग को देखते हुए इस मूर्री बंद को शनिवार, रविवार, सोमवार तक बढ़ा दिया गया है। और दुआखानी का सिलसिला जारी चल रहा है। इस बंदी में वाराणसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन बनारसी साड़ी डीलर एसोसिएशन भी बराबर सरीक हैं। और हम सबको भारत सरकार से यह उम्मीद है कि हम बुनकरो पर जीएसटी कला कानून भारत सरकार जरूर वापस लेगी।
वक्ताओं में ये थे शामिल 
अब्दुल्लाह अंसारी, अतीक अहमद, अनवारूल हक़, हाजी अोकास अंसारी, पार्षद साजिद अंसारी, पार्षद रमजान अली, पार्षद गुलशन अली, अनिल रस्तोगी, हरिमोहन सिंह, अफरोज अंसारी, हाजी अब्दुल रहीम,हाजी बदरुद्दीन, बोदा, हाफिज अजमल आदि लोग मौजूद थे।

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