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मायावती को मिला लालू यादव का समर्थन, बोले- दलितों का मुद्दा सांसद पद से ऊपर, बिहार से राज्यसभा भेजेंगे

(जावेद अंसारी)

साहेब खबर वही जो सही बसपा सुप्रिमों मायावती का राज्यसभा से इस्तीफे का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती का राज्यसभा से इस्तीफे का पुरजोर समर्थन करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा हैं। लालू ने बीजेपी को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि देश की एक दलित बेटी को राज्यसभा में बोलने से रोका गया। लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा दलितों/पिछड़ों/अकलियत को नेतृत्व को दबाने की हर कोशिश को नाकाम करेंगे। हम मायावती जी को बिहार से राज्यसभा भेजेंगे। भाजपा संविधान खत्म कर संघ का खतरनाक एजेंडा लागू करने की और प्रयासरत हैं।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में भी संघ खेला कर रहा है। राजद पूर्ण समर्थन के साथ बहन मायावती के पक्ष में मज़बूती से खड़ा है। वंचितों की आवाज़ कुचलने के भाजपाई इरादे का हम पुरज़ोर विरोध करते हैं। लालू यादव ने कहा कि वे मायावती के साथ है और पूरे देश में भाजपा के इस कदम के खिलाफ आवाज उठायेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को कहीं से भी राज्यसभा भेजा जा सकता है। राजद प्रमुख ने कहा कि मायावती के लिए गरीबों के हक ही मायने रखता है, राज्यसभा की सीट उनके लिए मायने नहीं रखती है।

मायावती के फेवर में बोले रामगोविंद चौधरी
समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने मायावती मामले में मंगलवार को कहा कि इस देश और प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी है। विरोधी पार्टी के लोगों को बोलने नहीं दिया जा रहा है (जो बोलता है) उस पर छापा मारा जाता है। आगे गोविंद चौधरी ने आगे कहा कि लालू प्रसाद यादव पर एक साल में चार बार छापा मारा गया। वहीं मायावती के भाई पर छापा मारा गया। उन्होंन कहा कि देश और प्रदेश में कर्फ्यू लगा हुआ है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने भी मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें बोलने नहीं देने की घटना लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा की पीठ, सरकार को मामले का संज्ञान लेना चाहिए। सरकार आती-जाती रहती है, विपक्ष का सम्मान होना चाहिए। किसी भी दल से विपक्ष में बोलने का हक नहीं छीना जा सकता।
क्यों दिया मायावती ने इस्तीफा
बीएसपी प्रमुख मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। सभापति को भेजी तीन पेज की चिट्ठी में मायावती ने आज के राज्यसभा के पूरे वाक्ये का जिक्र करते हुए कहा कि मैं सहारनपुर हिंसा पर अपनी बात रखना चाहती थी कि लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया। आपको बता दें कि अगले साल मायावती का कार्यकाल खत्म हो रहा था।
इस्तीफे के बाद क्या बोलीं मायावती
मायावती ने कहा, मैं दलित समाज से संबंध रखती हूं, सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात नहीं रखने दे रहा है। मैं जब बोल रही थी तब सरकार के मंत्री खड़े हो गए और मुझे बोलने नहीं दिया गया। मैंने इस देश के करोड़ों दलितों पिछड़ों मजदूरों और किसानों के हित में राज्यसभा के सभापति को इस्तीफा सौंपा है। जब सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात रखने का भी समय नहीं दे रहा तो मेरा इस्तीफा देना ही ठीक है।
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