मैं आपके परिवार का नाम नहीं लेना चाहूँगा, वरना हंगामा हो जायेगा – गुलाम नबी आजाद

(जावेद अंसारी)

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कल अपना इस्तीफ़ा दिया था। वो मुद्दा और जोरो से उठा। इस बार विपक्ष की ओर से कमान सम्भाली थी गुलाम अली आज़ाद ने। लेकिन बीते दिन से दर्शको को ये अहसास हो चला हैं की सत्ता पक्ष के लोगो को शोर मचाना बहुत आता हैं। भीड़ के लिंचिंग के मुद्दे पर आज बुधवार को राज्यसभा में जमकर बहस हुई। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बहस की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने जुनैद का मुद्दा उठाया.

दलित बुजुर्ग को मंदिर में ना जाने के मुद्दे को भी गुलाम नबी आजाद ने उठाया
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर सरकार को ही निशाना नहीं बना रहा हूं। कई मुद्दों में यह सामने नहीं आया है कि किस पार्टी का हाथ शामिल है। आज़ाद ने कहा कि झारखंड के अंदर मॉब लिंचिग के मुददे, कई मामले सामने आए हैं।पिछले साल जानवर ले जा रहे दो व्यक्तियों को गो रक्षकों ने मारा और पेड़ से लटका दिया। गुलाम नबी आजाद बोले कि व्हाट्सएेप के मैसेज को लेकर भी लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। अगर इस तरह से कार्रवाई होगी तो हम सभी जेल में होंगे। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी व्हाट्सएेप पर कई तरह के मैसेज फैलाती है। आजाद ने कहा कि झारखंड में आपके परिवार के लोगों ने मस्जिद में घुसकर लोगों पर अत्याचार किया।
मैं आपके परिवार का नाम नहीं लेना चाहूंगा, वरना हंगामा हो जाएगा
उन्होंने कहा कि देशभर में गोरक्षा के मुद्दे पर गुंडागर्दी हो रही है। आजाद ने इस दौरान कई घटनाओं का जिक्र किया। वहीं इंग्लैंड में हुई नस्लभेदी के हादसे का उदाहरण भी दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की घटनाओं का मुद्दा भी उठाया। गुलाम नबी आजाद बोले कि वहां पर नई-नई सरकार बनी थी, उस दौरान पुलिस ने वहां पर दो लोगों को गोली मार दी थी। जिसमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई थी। लेकिन SHO को एक हफ्ते के लिए सस्पेंड किया गया और कुछ नहीं हुआ। मोहम्मद अयूब पंडित की हत्या एक शर्मनाक बात है, हम इसकी निंदा करते हैं। महाराष्ट्र में भी एक व्यक्ति मुस्लिम टोपी लगाए हुए थे, उसकी हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि आज देश में जितनी भी लिंचिंग हो रही है कि उसमें रुलिंग पार्टी के संघ परिवार का कोई ना कोई सदस्य रहा है। हम मानते हैं कि पीएम ने इस पर बयान दिया है। लेकिन सरकार ने शायद ये सोच रखा है कि हम बयान देते रहेंगे, लेकिन तुम अपना काम करते रहो देश सबका है लेकिन सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सरकार की बनती है। सरकार खुद ही देश का माहौल बिगाड़ रही है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये लड़ाई किसी धर्म की नहीं है, ये हिंदू-मुस्लिम की लड़ाई नहीं है। ये इंसानियत की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि हम मुसलमान होने के बावजूद कश्मीर में लड़ते हैं, कश्मीर में दो मुस्लिम पार्टियां ही आमने-सामने हैं।देश को वोट के आधार पर तोड़ना नहीं चाहिए।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *