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निचलौल थाने के दरोगा विजय प्रताप सेंगर पर लगा बड़ा आरोप

रमणेश पान्डेय
महराजगंज-निचलौल यु तो सूबे की योगी सरकार कानून व्यवस्था व कानून के रखवालो को सुधारने की जी तोड़ कोशिश कर रही है और सुधरने के दावे भी कर रही है. पर पुलिस अधिकारी लगता है योगी सरकार से खार खाए बैठे है. उन्हें न तो अपने सम्मान व कर्तव्य की चिन्ता है और न सत्ता शासन का फरमान सुनाई देता है, और नही आम जनमानस की परेशानिया व संवेदना महसूस होती है. इन्हें सुनाई पड़ता है सिर्फ स्वहित. जनता की हमदर्द मित्र बताती पुलिस के कुछ अधिकारी स्वहित हेतु पुरे विभाग और सरकार को बदनाम करते रहते है. ऐसा ही एक प्रकरण निचलौल थाना क्षेत्र में सामने आया है जहा एक दरोगा पर पीड़ित ने घुस माँगने का बड़ा आरोप लगाया है. पीड़ित के आरोपों के अनुसार वह अपनी परेशानी रोने थाने यह सोच कर गया था कि शायद साहब उसका हल निकाल देंगे. मगर उसकी परेशानियों का अन्त होने के बजाय और अधिक परेशानिया गले पड़ गई.

पीड़ित के बयान के अनुसार मामला कुछ इस तरह का है कि सन्तोष कुमार पुत्र रामदरश, मंगल पान्डेय पुत्र रामरेखा, ग्राम औराटार जनपद महराजगंज के निवासी है उक्त लोगो की भूमिधरी की जमीन गाटा स0 292 मे हरीलाल, हरीन्द व संजय पुत्रगण विन्ध्याचल यादव तथा कोईल यादव पुत्र दूलारे ने जबरन दक्षिणी हिस्से मे कब्जा कर झोपड़ी डाल ली है. भू स्वामी के द्वारा झोपड़ी हटाने की बात कहने पर तरह तरह के बखेड़ा व धमकी भू स्वामियो को दी जा रही है। झगड़ा बवाल से बचने के लिए भू स्वामी ने नियम कानून का रास्ता पकड़ते हुए तहसील मे शिकायत कर पैमाइश की माग किया. जिसके फलस्वरूप राजस्व टीम द्वारा दिये गये पैमाइश रिपोर्ट से यह सिद्ध हो गया है कि उक्त लोगो द्वारा भूमिधरी मे अतिक्रमण किया गया है। इसके बाद दि0 6 जून 17 को निचलौल तहसील मे समाधान दिवस के दिन अतिक्रमण हटवाने की मांग भू स्वामियो द्वारा किया गया था. एडीएम के आदेश पर राजस्व टीम के द्वारा दिये गये रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही के लिये तत्कालिक एसओ निचलौल को आदेशित किया गया था
पीड़ित के आरोपों के अनुसार तत्कालिक राजस्व निरीक्षक ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव द्वारा अतिक्रमण हटवाने के लिये सन्तोष कुमार से दस हज़ार की मांग की गयी. सन्तोष कुमार रुपया देने से मना कर दिया तो तत्कालिक राजस्व निरिक्षक हीला हवाली करने लगे और समय के चक्र मे ऐसा उलझा दिया कि फरियादी ने फरियाद छोड़ दूसरा दरवाजा देखना उचित समझा. पीड़ित ने आरोप लगाते हुवे बताया कि जांच रिपोर्ट के साथ इन्साफ की आस लेकर वह निचलौल थाना गया. जहा उसे इन्साफ मिलने की रकम दुगनी हो गयी
भू स्वामियो के आरोपों के अनुसार तत्कालिक हल्का दरोगा विजय प्रताप सिंह सेंगर द्वारा अतिक्रमण हटवाने के नाम पर बीस हज़ार रुपया की मांग कर दी गयी अब जिस पैसो के चक्कर मे चौखट बदली थी वही राग यहा सुनकर फरियादीयो ने असमर्थता जाहिर की. पीड़ित के आरोपों के अनुसार विपक्षियो से सांठ गाँठ कर के पैसा न देने पर दरोगा द्वारा जबरदस्ती सन्तोष को थाने मे बैठाकर निस्तारण पेपर पर हस्ताक्षर करवाकर मामले को निस्तारित कर दिया गया. सन्तोष कुमार ने बताया की तहसील से लेकर थाने तक का चक्कर लगभग चार महीने से लगा रहा हूँ इसके पहले भी मै एसडीएम के पास कम्प्लेन्ट कर चूका हुं किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई.
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