इस सरकारी स्कूल को देख आप हो जायेगे अचंभित, देखे कान्वेंट से बेहतर सुविधा वाला एक सरकारी स्कूल

आसिफ रिज़वी / संजय ठाकुर संग अंजनी राय 
मऊ. उत्तर प्रदेश मे जहां लोग सरकारी स्कूलो का नाम सुनकर नाक मुह सिकोड़ने लगते है तो वही मऊ जिले के रकौली गांव में एक प्रधानाध्यापक सतीश सिंह की अच्छी पहल से प्राथमिक विद्यालय के बच्चे डिजिटल पढ़ाई कर रहे है जी हां जब हमारी टीम सरकारी स्कूल पहुंची तो नज़ारा कुछ ऐसा देखने को मिला |

आइये हम आपको दिखाते है एक ऐसा सरकारी स्कूल जो की कान्वेंट की टांग मरोड़ता नज़र आ रहा है जी आपको जानकर ये बहुत हैरानी होगी कि ये प्राथमिक विद्यालय सरकारी जरूर है लेकिन यहां के प्रधानाध्यापक सतीश सिंह ने स्कूल देख ठानं लिया स्कूल भवन का निर्माण कराके बच्चो को उच्च क्वालिटी की शिक्षा देने की | आप इस तस्वीर में देख रहे होंगे की किस तरह स्कूल का निर्माण कर प्रोजेक्टर लगाकर बच्चे पढ़ रहे है|
जी हां आपको बता दे की सतीश सिंह अपने ही खर्च से स्कूल भवन का निर्माण कराया और बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए स्कूल में प्रोजेक्टर लगा के बच्चो को डिजिटल शिक्षा भी दे रहे है,  यहां तक कि स्कूल में कंप्यूटर की भी शिक्षा दी जाती है,  इतना ही नहीं सतीश सिंह ने बच्चो के लिए ठंड में स्वेटर भी अपने ही सैलरी से वितरित करते है
योगी जी अगर इस स्कूल को देख रहे होंगे देख के चौकिये मत ये वीडियो उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रकौली गांव का प्राथमिक विद्यालय है जी हां आपका ये प्राथमिक विद्यालय एक प्रधानाध्यापक सतीश सिंह ने अपने ही खर्चो से स्कूल का निर्माण और बच्चो को बैठने की सीट से लेकर कंप्यूटर तक और अच्छी शिक्षा देने के लिए ज़्यादा  से ज़्यादा कोशिश कर रहे है बच्चो को उच्च शिक्षा देने |
ये प्राथमिक विद्यालय कान्वेंट स्कूलों की तांग तोड़ता नज़र आ रहा है अगर पुरे प्रदेश में ऐसा विद्यालय हो और प्रधानाध्यापक सतीश सिंह जैसा हर प्रधानाध्यापक हो तो शायद सरकारी स्कूल में बच्चो को उच्च शिक्षा मिल सके और कोई गरीब बच्चा शिक्षा के प्रति पीछे न रहे है|
प्रधानाध्यापक सतीश सिंह ने कहा की हमारा प्रयास बच्चो को उच्च शिक्षा देना है, इस स्कूल को हमने अपने खुद के वेतन से शुरू किया और फिर हमारे कुछ मित्र भी इसमें सहयोग किया है, और बच्चो की सीट और हमने अपने ही वेतन से बनवाया है, और हमारी अध्यापिका ने भी एक महीने का वेतन लगाया  है |

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