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रिव्यु: ‘जब हैरी मेट सेजल’ …..तब क्या हुआ…..

शिखा की कलम से……..
रेटिंग 2.5/5
स्टार कास्ट: शाहरुख़ खान , अनुष्का शर्मा, अरु कृष्णन्स वर्मा, चन्दन रॉय, एवलिन शर्मा
डायरेक्टर : इम्तियाज अली
म्यूजिक : प्रीतम, डिप्लो , हितेश सोनिक
प्रोड्यूसर: गौरी खान
जॉनर : रोमांटिक कॉमेडी
इम्तियाज अली की निर्देशित और शाहरूख खान – अनुष्का शर्मा स्टारर  फ़िल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ रिलीज़ हो चुकी है। और यकीन मानिए कि फिल्म की शुरूआत लगभग ठीक ठाक  कही जा सकती है। कम से कम हॉल में बैठे दर्शकों की सीटियों और तालियों से तो यही समझ आ रहा है। फिल्म की जान हैं अनुष्का शर्मा। इस फिल्म के बाद आपको कितने दिनों तक वो सपने में आने वाली हैं पता नहीं।

फ़िल्म की कहानी
यह कहानी है एक टूरिस्ट गाइड हैरी यानि शाहरुख़ खान और एक गुजराती लड़की सेजल  यानि की अनुष्का शर्मा की । कहानी शुरु यूके से होती है जहां सेजल अपने मंगेतर से इंगेजमेंट करती है। और सेजल की सगाई वाली रिंग खो जाती है। ऐसे में सेजल उसे ढूंढने के लिए यूके रुक जाती है तभी उसकी मुलाकात टूरिस्ट गाइड हैरी से होती है। जिसकी मदद से वो रिंग की तलाश करती हैं लेकिन इसी बीच सेजल और हैरी को एक-दूसरे से प्यार होने लगता है। हालांकि सेजल उसे बार-बार कहती है कि रिंग मिलते ही वो चली जाएगी। ऐसे में अब सेजल को रिंग मिलती है या नहीं?
क्या फिर वो हैरी के साथ ही यूके में रुक जाती है?
ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
डायरेक्शन और स्टारकास्ट:
अगर बात डायरेक्शन की करें तो  इम्तियाज अपनी अलग नजरिये की प्रेम कहानी के लिए जाने जाते हैं इस लिहाज से फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। साथ ही सिनेमेटोग्राफी और कैमरा वर्क भी अच्छे से किया गया है। इम्तियाज की फिल्में वैसे तो लंबी होती है हालांकि ये फिल्म टाइम के हिसाब से तो शॉर्ट है लेकिन फिर भी  लगभग बोर करती है। कहानी में कोई खास नयापन नहीं है।फिल्म में शाहरुख और अनुष्का ने अच्छी एक्टिंग की है। कहानी दोनों के इर्द-गिर्द है ऐसे में पूरा फोकस सिर्फ इन्हीं पर रहता है। फिल्म में गुजराती गर्ल का कैरेक्टर प्ले कर रहीं अनुष्का का फेस थोड़ा मोटा दिखाया गया है। बाकी दोनों स्टार्स का काम अच्छा है।फिल्म का म्यूजिक ठीक-ठाक है।
पटकथा:
फिल्म का पहला पार्ट थोडा  अच्छा है क्योंकि  एक के बाद एक घटनाक्रम दिलचस्प है जिसमे आपको मजा आएगा। लेकिन फिल्म का दूसरा पार्ट थोड़ा सीरियस और ड्रामा से भरा है और यहां फिल्म की गति धीमी पड़ती है। आपको फिल्म थोड़ी सी खिंचती हुई भी लगेगी।
हर प्रेम कहानी को मुकम्मल होने में समय लगता है और यहां भी ऐसा ही होगा। फिल्म अपनी ही गति से चलेगी जो कि थोड़ी धीमी है। हालांकि सच यही है कि फिल्म को जल्दी खत्म हो जाना चाहिए था।
कुल मिला के फ़िल्म ठीक-ठाक है।
अब सवाल ये उठता है की फ़िल्म देखें या नहीं तो जवाब है……….अगर आप शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा के फैन है तो आप ये फिल्म देख सकते हैं।
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