Categories: Religion

उम्मे सलमा ने ख्वाब में देखा हैं परेशान बहुत रसूले खुदा

अज़हान आलम

घोसी(मऊ)। तीसरी मुहर्रम को रात्रि 9 बजे के करीब अलम का जलूस निकाल कर अक़ीदत मंदो ने नौहा वो मातम किया।जलूस अज़ाखाने ज़ैनबिया से निकल कर जाफरी मस्जिद के पास से गुजरता हुआ देर रात 12 बजे सदर बाजार इमाम चौक पे समाप्त हुआ।
सदर बाज़ार में मौलाना शफ़क़त तक़ी ने वहां उपस्थि अज़ादारो को संबोधित करते हुए कहा कि इमाम हुसैन अ. स.ने कर्बला के मैदान में जो क़ुरबानी दी वो क़ुरबानी सिर्फ मुसलमानो के लिए या इस्लाम ही के लिए नहीं थी बल्कि वो क़ुरबानी तमाम आलमे इस्लाम और इंसानियत के लिए थी।आज से 1400 बरस पहले इमाम हुसैन ने आतंकवाद के खिलाफ दहशत गर्दी के खिलाफ अपना क़दम बढा के और अपनी क़ुरबानी दे के ये बताया कि आतंकवाद वो दहशतगर्दी का इस्लाम से कोई तअल्लुक नहीं है।
और उसी क़ुरबानी की याद में आज हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का ग़म मनाया जाता है और आज भी मुहर्रम में जब इमाम हुसैन का जलूस निकलता है तो ऐसा लगता है कि इमाम हुसैन ने 1400 बरस पहले क़ुरबानी नहीं दी बल्कि लगता है कि इसी मुहर्रम में और आज ही इमाम हुसैन शहीद हुए हैं। ग़मे हुसैन अजादारों के दिलो में एक दम ताज़ा हो जाता है।
उन्हों ने कहा कि अगर क़यामत तक हम भारत सरकार का आभार प्रकट करे तो भी कम है क्यूंकि हमें अज़ादारी करने के लिए आज़ादी है और पुलिस प्रशासन भी साथ में सहयोग करता है।दौरान जलूस काज़िम हुसैन नासरी , अली मोहम्मद वो शफ़क़त तक़ी ने नौहा पढ़ा।

उम्मे सलमा ने ख्वाब में देखा
हैं परेशान बहुत रसूले खुदा

जिसे सुनकर उपस्थित अजादारों की आंखें अश्क़ बार हो गयी। इस अवसर पे क़ायम हुसैन, डॉ तनवीर कौसर, काज़िम हुसैन, अली मोहम्मद, मीसम हुसैन, फरहत अब्बास, नासिर रिज़वान, अस्करी, ग़ाफ़िर अब्बास, सलमान अख्तर, मो तक़ी, सिबते हसन, मेहदी अब्बास, राजा आलिया, फ़ैयाज़ शब्बर, आरिफ हुसैन, जुल्फेकार अली,मो कामरान सहित बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोग उपस्थित रहे।

pnn24.in

Recent Posts

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा ‘अमित शाह जिनको घुसपैठिया कह रहे है, वह देश के नागरिक है’

आदिल अहमद डेस्क: गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार के बेतिया में कहा…

35 mins ago