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ये अच्छे दिन तो अम्बानी अडानी को मुबारक हो, हमे ऐसा करो साहेब, पुराने दिन ही लौटा दो – इमरान प्रतापगढ़ी

संजय ठाकुर

बलिया. नगरा। नगरांचल महोत्सव के तत्वाधान में मंगलवार की रात को आयोजित कवि सम्मेलन में देर रात तक कवियों और शायरों ने अपने कलाम से श्रोताओं को बांधे रखा।कवि सम्मेलन में फ़िल्म अभिनेता शाहबाज खान,चर्चित हास्य कलाकार एहसान कुरैशी और इमरान प्रतापगढ़ी श्रोताओं खासकर युवाओं के आकर्षण का केंद्र विंदु बने रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रधान आयकर आयुक्त इलाहाबाद सुबचन राम एवं विशिष्ट अतिथि आचार्य स्वामी केशवानंद जी सत्य सनातन सेवा आश्रम द्वारिका गुजरात ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित एवं फीता काटकर किया।कार्यक्रम में जहां प्यार, मोहब्बत की बात हुई वहीं हंसी की फव्वारे भी फूटे, देश भक्ति की भी बात हुई। सियासत पर भी व्यंगबाण छोड़े गए।
कवि सम्मेलन का आग़ाज़ इलाहाबाद के शायर डॉ असलम इलाहाबादी हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब मेरी इंसान, मैं हु हिंदुस्तान से कर हिन्दू मुस्लिम एकता का पैगाम दिया।फैज़ाबाद से आए फारूक आदिल अपनी रचना मेरा दिल ऐसा तोड़ा है किसी ने, कही का भी न छोड़ा है किसी ने सुनाकर युवाओं से खूब वाहवाही लूटी।
शायरा समीम कौसर ने अपनी रचना चैन दिन को नही ना सकूँ रात को, जाने क्या हो गया एक मुलाकात में…… सुनाकर रसिक मिजाजो का दिल जीत लिया।उद्घोषक के आवाज पर मंच पर पहुँचे डॉ श्याम मनोहर सिसोदिया मप्र ने तुमने अपने प्यार का यू बांधा तावीज, लांघ सका न दूसरा इस दिल की दलहिज…..अनवर जमाल ने ये जान वतन की है मेरी जान नही है, फिर कोई भी हिन्दू मुसलमान नही है से देश की एकता अखंडता का पैगाम दिया।मंच पर पहुची कवियत्री चांदनी पांडेय ने बुलंदियों का नया रास्ता बनाते हुए, मैं खुद को देख रही हु पलक से जाते हुए, मोहब्बतों ने तुम्हारी भी साथ छोड़ दिया, वक्त कितना लगेगा जमीन पर आने के लिए सुनाकर खूब तालियां बटोरी।इसके बाद श्रोताओं के मांग पर मंच पर पहुँचे इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने कलाम से श्रोताओं का दिल जीत लिया।उन्होंने अच्छे दिन पर कटाक्ष करते हुए मोहब्बत भाई चारे के दीवाने दिन ये लौटा दो, ये अच्छे दिन तो अम्बानी अडानी को मुबारक हो, हमे ऐसा करो साहेब पुराने दिन ही लौटा दो…सुनाकर दर्शकों के दिल मे जगह बनाई।श्रोताओं के मांग पर इमरान ने तमाम रचनाए सुनाकर महफ़िल लूट ली।इसके बाद मंच पर पहुँचे ख्यातिलब्ध हास्य कलाकार एहसान कुरैशी ने अपनी हास्य व्यंग्य से श्रोताओं को हँसा हँसा कर लोट पोट कर दिया।श्री कुरैशी ने कुकर बोला कढ़ाही से तू तो तवे की काली है, अंदर से भी काली है बाहर से भी काली है।इतना सुनते ही कढ़ाही कुकर से बोली तू अपने गोरे पर इतना क्यो इतराता है, यदि मैं काली हु तो देख के सिटी क्यो बजाता है सुनाकर खूब ताली बटोरी।उन्होंने आगे कहा कि माँ प्यार से हाथ फेरती है तो बाल आने लगता है, पत्नी हाथ फेरती है तो बाल जाने लगता है सुनाकर खूब महफ़िल लूटी।इसके अलावा नौशाद फतेहपुरी, मु कैफ मऊवी,अजीज फतेहपुरी, जीनत परवीन, तस्लीम ताबिस लखनऊ ने भी अपनी रचनाए प्रस्तुत की।शफीक अहमद एडवोकेट, डॉ रमाशंकर,रिजवान अहमद, अरविंद नारायण सिंह, अवध विहारी मितवा, मनोज सिंह,अब्दुल्लाह शाह आदि मौजूद रहे।अध्यक्षता ब्लाक प्रमुख अनिल सिंह एवं संचालन मुख्तार मासूम, राजकुमार यादव ने किया।

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