नितीश बाबु का सुशासन जहा धमकी देकर मानव श्रंखला में सम्मिलित होने के लिये छात्रो को मजबूर किया जा रहा है 

सुमित भगत (सनी)

नवादा. बिहार में दहेज़ उन्मूलन और बाल विवाह रोके हेतु प्रदेश के मुखिया ने 21 जनवरी को मानव श्रंखला बनाने हेतु कहा. अब इस फरमान को अमली जामा पहना कर उसको कामयाब करने के लिये हर तरह के हथकंडे अधिकारी अपना रहे है. इसके लिये लोगो को मोटीवेट करने के लिये आज अधिकारियो की पत्नियों ने मानव श्रृंखला का रिहर्सल भी किया. जनता के अन्दर इसके सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के लिये सभी वर्ग के लोग प्रयास कर रहे है. मगर कुछ अधिकारी ऐसे भी है जो अतिउत्साह में धमकी तक देने से बाज़ नहीं आ रहे है.

इसका जीता जागता आज नमूना रजौली प्रखंड स्थित इंटर विद्यालय रजौली में देखने को मिला जहा के प्राचार्य ने एक विशेष आदेश छात्रो के लिये जारी कर दिया कि जो इस दिन उपस्थित नहीं होगा उसको सायकल हेतु आया आवंटित धन नहीं मिलेगा. यही नहीं इसको सिर्फ मौखिक रूप से जारी किया गया है बल्कि इसका बाकायदा नोटिस भी चिपकाया गया जिसमे प्राचार्य ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिसने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग नहीं किया उसको यह सुविधा नहीं मिलेगी.

अब बात जो नहीं समझ आ रही है वह यह है कि सुशासन का दावा करने वाले नितीश के शासन काल में एक प्रदेश के कार्यक्रम में सहभागिता करने के लिये क्या छात्रो से ज़बरदस्ती करना सुशासन है. क्या इस प्रकार धमकी देना सुशासन है ? वैसे नितीश जी ये स्वयं समझ सकते है कि इस प्रकार किसी को ज़बरदस्ती कोई काम करवाना भले उनके नज़र में सुशासन हो मगर ये लोकतंत्र की हत्या अवश्य है.

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