जांच करने पहुंची शिक्षा विभाग की टीम को पुस्तक व्यापारियों ने की बंधक बनाने की कोशिश

मृत्युंजय सिंह /सुशील राना

रुद्रपुर ( उत्तराखंड )।। एनसीईआरटी की पुस्तकों को स्कूलों में लागू किए जाने की हकीकत जानने निकली शिक्षा विभाग व प्रशासन की टीम को शहर की दुकानों की जांच करना भारी पड़ गया। दुकानदारों ने टीम के साथ अभद्रता करने के साथ ही टीम को बंधक बनाने का प्रयास भी किया। पर मौके पर पुलिस बल के पहुंचने पर वह नाकामयाब रहे। जांच में टीम ने  शहर के चार स्कूलों द्वारा अपनी मर्जी की पुस्तकें लगाए जाने की पुष्टि की है, इन सभी को विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है।
दरअसल, सरकार ने प्रदेश के सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने का आदेश जारी किया गया है। जिसकी हकीकत जानने के लिए एसडीएम युक्ता मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह, जिला शिक्षाधिकारी बेसिक रवि मेहता, उप शिक्षाधिकारी गुंजन अमरोही की टीम ने शहर के बुक सेलरों की पड़ताल की। टीम सबसे पहले विनोद पुस्तक भंडार पहुंची। जहां टीम को निजी लेखकों की पुस्तकें ही बिकती मिली, इसका कारण पूछने पर दुकान स्वामी बोले कि साहब हम कोई डॉक्टर नहीं हैं किताबों के विक्रेता हैं। स्कूल जो कहेंगे हम तो वही बेंचेगे।
इस पर टीम ने यहां स्कूलों द्वारा लागू करायी जा रही पुस्तकों की सूची जब तलब की, तो 90 प्रतिशत पुस्तकें  एनसीईआरटी से अलग निजी लेखकों की पायी गयी। टीम ने यहां अभिभावकों को पुस्तकों का पक्का बिल न देने पर आपत्ति की, तो टीम का विरोध शुरू हो गया। जैसे ही टीम अरोरा स्टेशनरी पर पहुंची तो यहां दुकान स्वामी के साथ देव भूमि व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष गुरुमीत सिंह, प्रातीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, सभासद सोनू अनेजा, हरीश अरोरा, मनोज छावडा समेत तमाम व्यापारी दुकान पर आ गए। उन्होंने टीम के साथ अभद्रता शुरू कर दी। टीम पर दुकानदारों को बेवजह परेशान करने का आरोप लगाकर वापस जाने की मांग करने लगे।  लेकिन जब टीम ने जब अपनी जांच जारी रखी तो दुकानदारों ने अचानक शटर गिरा टीम को बंधक बना दिया। पर मौके पर पुलिस बल के मौजूद रहने पर दुकानदार अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए। पुलिस ने बल पूर्वक शटर खुलवाया। टीम व्यापारियों के विरोध व हंगामे के चलते करीब एक घंटे तक ही बाजार में जांच कर पार्इ

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