जिला योजना समिति की बैठक में 458 करोड़ का परिव्यय स्वीकृत

प्रभारी मंत्री ने कहा, जनता को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता

अंजनी राय

बलिया : प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा की अध्यक्षता में हुई गुरुवार की देर रात तक चली जिला योजना समिति की बैठक में जिले में विभिन्न कार्यों के लिए कुल 458 करोड़ 17 लाख रूपये का परिव्यय स्वीकृत हुआ।
प्रभारी मंत्री ने सभी सदस्यों से कहा कि जनपद के विकास के लिए हम सब एक होकर सोचें। राशन वितरण, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था हमारी प्राथमिकताओं में है। हम सबके सहयोग से इन व्यवस्थाओं को बेहतर बना कर जनता को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। बताया कि दिसंबर 2018 तक कोई ऐसा घर नहीं बचेगा जहां बिजली नहीं हो। प्रदेश के हर गांव दिसम्बर 2021 तक पक्की सड़क से जुड़ जायेंगे। प्राथमिक विद्यालयों में शुद्ध पेयजल सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। सदस्यों ने जिला योजना समिति द्वारा स्वीकृत कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की मांग की। इस पर प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी हर माह इसकी समीक्षा करेंगे और तीन महीने पर प्रगति रिपोर्ट भेजेंगे।

डीआईओएस पर कार्रवाई के दिए संकेत

प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली जिला योजना समिति के बैठक से जिला विद्यालय निरीक्षक गायब थे। विधायक सुरेंद्र सिंह समेत समिति के अधिकांश सदस्यों ने कहा कि किसी भी महत्वपूर्ण बैठक से वे गायब रहते हैं। विधायक ने बताया कि डीआईओएस समय से कार्यालय में नहीं बैठते है। जिले में शिक्षकों की समस्या सुलझाने में भी रुचि नहीं लेते हैं। विधायक उमाशंकर सिंह ने भी इस मनमानी पर कार्रवाई की मांग की। इस पर प्रभारी मंत्री ने भी जिला विद्यालय निरीक्षक पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए। वहीं सीएमओ को पिछले जिला योजना समिति के परिव्यय व खर्च के बारे में जानकारी नहीं होने पर खरी खोटी का सामना करना पड़ा। प्रभारी मंत्री ने चेताया कि डॉक्टरों की मनमानी पर अंकुश लगाएं। गरीबों का ऑपरेशन व दवा देने में कोई कोताही न हो। सरकार जो व्यवस्था दे रही है वह धरातल पर दिखनी चाहिए।

गुणवत्ता के साथ बनें सड़क, कमीशनखोरी पर चलाएं चाबुक

सड़कों की समीक्षा के दौरान निर्माण की गुणवत्ता सम्बन्धी शिकायत पर प्रभारी मंत्री ने अधिशासी अभियंता को चेतावनी दी। कहा कि सड़कों की बराबर जांच होती रहे। रतसर-खेजुरी मार्ग के बनने के बाद तुरंत खराब होने की शिकायत पर प्रभारी मंत्री ने जांच कराने का आदेश दिया। जिलाधिकारी से कहा कि स्वयं निर्माणाधीन कुछ सड़कों की जांच करें। कमीशनखोरी पर चाबुक चलाएं तो कार्य अपने आप सही होने लगेगा। यह सुनिश्चित कराएं कि अच्छी गुणवत्ता का काम हो। नीचे के अधिकारी कोई गड़बड़ी न करने पावें। अन्य अधिकारियों को भी नसीहत देते हुए कहा कि आदतें सुधार लें। कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उधर, बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गलत कार्य मिलने पर ठेकेदार के साथ सरकारी जिम्मेदार को भी दंडित किया जाए। साथ ही बताया कि खराब सड़क पर पैचिंग कार्य के लिए काफी कम धन आवंटन होता है। मांग किया कि सही आकलन कर पर्याप्त धन आवंटित हो। प्रभारी मंत्री ने इन सभी समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिलाया।

पौधों की सुरक्षा का रखें विशेष ख्याल

प्रभारी मंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इस साल जो पौधे लगाए गए हैं उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। उनमें अधिकांश जीवित रहना चाहिए। यह भी कहा कि पिछले वर्ष लगाए गए पौधों का मूल्यांकन कराया जाए कि उनमें कितने सुरक्षित हैं। सदस्यों द्वारा पेड़ों की कटाई संज्ञान में लाने पर वनाधिकारी श्रद्धा यादव ने बताया कि जिन पेड़ों से जनहानि की संभावना है, जिले में ऐसे 1612 पेड़ों को चिन्हित किया गया है। इन्हीं पेड़ों की कटाई हो रही है। विधायक सुरेंद्र सिंह ने सोनबरसा व एनएच पर भी ऐसे पेड़ों को गिनाया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिन पेड़ों से बिजली के तार बाधित हो रहे हो उनकी भी कटाई-छंटाई करा दिया जाए।

इन कार्यों पर खर्च होगी धन राशि

मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि ग्रामीण आवास अंतर्गत 5095 प्रधामनंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए परिव्यय प्रस्तावित हुआ। ग्रामीण पेयजल के तहत एक हजार ने हैंडपंप, एक हजार रिबोर, 68 पाइप पेयजल योजना के निर्माण तथा शहरी पेयजल के अंतर्गत 100 ने हैंडपंप, 100 रिबोर व 6 पाइप पेयजल योजना का निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। छात्रवृत्ति योजना में 52 हजार 563 छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।

पेंशन योजना के तहत 57 हजार 921 को लाभ मिलेगा। पुत्री की शादी व बीमारी के लिए 40 हजार 217 परिवारों को अनुदान तथा अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता देने की योजना प्रस्तावित है। निजी लघु सिंचाई के तहत सात हजार निशुल्क बोरिंग, 9 बोरिंग गोदाम एवं 100 मध्यम नलकूप का कार्य होगा। पशुपालन विभाग में 57 पशु चिकित्सालय 40 पशु सेवा केंद्र में औषधि वितरण एवं उपकरण पर खर्च होगा।

रसड़ा, ताखा, करमानपुर, सोनवानी, बैरिया, सहतवार के पशु चिकित्सालयों के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने के साथ ग्राम समूह खंड सदर, बलिया व पशु चिकित्सालय पुर के नवीन भवन निर्माण का कार्य भी प्रस्तावित है। दुग्ध विकास के लिए 30 समितियों का गठन, वन विभाग के अंतर्गत 255 हेक्टेयर अग्रिम मृदा का कार्य, 40 हेक्टेयर में वृक्षारोपण तथा शहरी सामाजिक वानिकी में 4500 ब्रिक गार्ड का निर्माण होना है। तेरह तालाबों का जीर्णोद्धार, पंचायती राज विभाग के तहत ग्राम सभाओं में 46.23 किमी सीसी रोड/केसी ड्रेन, 69 पंचायत भवनों का निर्माण के साथ तीन लाख 64 हजार 506 स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत हुई है। राजकीय लघु सिंचाई के तहत 30 नए नलकूप की स्थापना व 30 गुलों का पुनरोद्धार होना है। नेडा द्वारा 300 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। 46 स्थानीय पर्यटन स्थलों का विकास एवं जीर्णोद्धार किया जाएगा।

चिकित्सा पर भी खर्च होगी मोटी धनराशि

स्वास्थ्य विभाग में पांच नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करम्मर, हल्दी, पकवाइनार, सूर्यपुरा व हजौली में बनेंगे। इसके अलावा चिलकहर, सहतवार, चितबड़ागांव, बघुडी व कोटवानारायणपुर में सीएचसी का भवन निर्माण होगा। इसी तरह सात रोगी आश्रय स्थल का निर्माण भी प्रस्तावित है।

होम्योपैथिक चिकित्सा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में तीन व ग्रामीण क्षेत्र सात होम्योपैथिक चिकित्सालय की स्थापना तथा 14 होम्योपैथिक औषधालयों का निर्माण कार्य किया जाना है। यह औषधालय राजकीय होमियोपैथी अस्पताल चितबड़ागांव, प्रधानपुर, चांदपुर, निकासी, श्रीनगर, हल्दी, रामपुर, पचखोरा, पकड़ी, महुलानपसा, टुटुवारी, ससनाबहादुरपुर, सोना डाबर, जमुआव व सूर्यपुरा में खुलेंगे। आयुर्वेदिक चिकित्सा के तहत शहरी क्षेत्र में एक तथा ग्रामीण क्षेत्र में चार चिकित्सालयों की स्थापना होगी।

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