पढ़े एक प्यारी ग़ज़ल – क्या फायदा ?

था हुकूमत का फ़िरऔन को भी नशा..
जुल्म पर जुल्म ख़लकत से करता रहा..
जब समन्दर में डूबा तो कहने लगा..
इस हुकूमत के पाने से क्या फ़ायदा..?

मालदारी में मशहूर कारून था..
वो मुखालिफ था मूसा व हारुन का..
जब ज़मीं में धसाया तो कहने लगा..
ऐसे बेजान ख़ज़ाने से क्या फ़ायदा..?

कितना मशहुर किस्सा है शद्दाद का..
रूह जब उसके तन से निकली गयी..
मरता मरता वो लोगो से कहता गया..
ऐसी जन्नत बनाने से क्या फ़ायदा..?

काबिले ज़िक्र किस्सा है नमरूद का..
वो भी इन्कार करता था माबूद का..
उसके भेजे को मच्छर ने खा कर कहा..
यूँ बड़ाई जताने से क्या फ़ायदा..?

अपनी शोहरत पे यूँ ना मचल नौजवां
एक दिन आ दबोचेगी तुझको अजल..
रूह को साफ़ कर , नेक आमाल कर..
जिस्म-ए-ज़ाहिर बनाने से क्या फ़ायदा?

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