लब्बैक या हुसैन के नारों से गूंज उठा इमामबाडा

रूपेंद्र भारती

घोसी /मऊ : घोसी नगर के बड़ागांव राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित सदर इमाम बारगाह के परिसर में सोमवार की रात कर्बला के सबसे छोटे शहीद शहज़ादे अली असग़र अ० स० के झूले की शबीहे मोबारक मौलाना मोजाहिर हुसैन, हाजी इक़बाल अहमद एवं हाजी ग़ज़नफ़र अब्बास के हाथो रखी गयी। इस अवसर पर मौलाना मोजाहिर हुसैन ने मुल्क़ की तरक़्क़ी और अमन चैन की दुआ कराई और लब्बैक या हुसैन , लब्बैक या हुसैन की नारो पूरा इमाम बाड़ा गुज उठा।

ज़रीह को बनाने में बड़ागांव घोसी के नौजवान फनकार तफ़हीम हैदर पुत्र स्व० आफताब अहमद ने डेढ़ से दो साल की लगाकर मेहनत वो लगन से इस खूबसूरत ज़रीह का निर्माण किया और अपने फन का बेहतरीन नमूना लोगो के सामने पेश किया। इस ज़रीह को बनाने में सागवन की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया। ये ज़रीह कर्बला स्थित इमाम हुसैन के रौज़े की शबीह है जो हूबहू मिलती जुलती है इस ज़रीह में बेहतरीन नक़्क़ाशी का नमूना देखने को मिलेगा।ये ज़रीह इस वक़्त लोगो में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है जब से इस ज़रीह को रखा गया है इसकी फोटो शोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है। देखने वाले लोग तफ़हीम हैदर की भूरी भूरी प्रंशसा करते नहीं थक रहे हैं।इस ज़रीह को बनाने में अली असगर , नसीम हैदर मुख्य सहायक रहे। इस अवसर पर आले एबा, मज़हर हुसैन, शफ़ीक़ अहमद, अली रज़ा, नेजात काज़िम, शहीद हुसैन, साजिद हुसैन, शब्बीर हसन, अली अहमद, तहजीबुल हसन, मासूम असग़र, आले मोहम्मद, मोहम्मद शादाब, रज़िअल जाफर आदि उपस्थित रहे।

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