तस्करी का अड्डा बनी बनगवां मंडी, फिर तस्करी कर नेपाल ले जा रहा लाखों का माल बरामद

फारुख हुसैन

लखीमपुर (खीरी). जनपद लखीमपुर खीरी इंडोनेपाल बार्डर से सटे भारत गणराज्य के अंतिम गांव बनगवां मे पिछले कुछ वर्षो से पचासों दुकाने खुल गयीं हैं सूत्रो की माने तो ज्यादातर दुकाने सिर्फ तस्करी के लिये ही खोली गयीं है बनगंवा की कुल जनसंख्या व मुश्किल पांच सौ होगी पर पांच सौ की जन संख्या वाले इस गांव मे पचासो दुकाने शोरूम खुल गये हैं जिनमे आप दिल्ली मुम्बई के फैशनेवल कपडे वेश कीमती मोबाईल, टीवी सेट्स, राशन चीनी, बेहतरीन कीमती रेडीमेट गारमेंट, साइकिले, वर्तन आदि लक्जरी सामान ले सकते हैं यहां पर हर रोज करोडो के सामान की विक्री धडल्ले से की जाती है और खरीददार सौ प्रतिशत नेपाली ही होते है

जानकारो की माने तो रोज सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक नेपाली ग्राहको की भीड यहां पर कभी भी देखी जा सकती है. नेपाल से आने वाले तस्करो के कैरियर नेपाली युवक युवतियां सैकडो की तादात मे साइकिलो से रोज यहां आते और जाते है आते समय कुछ कैरियर नेपाल से विदेशी कासमेटिक्स, विदेशी कपडे ,प्रतिबंधित सामान और कुछ कैरियर अपने वदन (जिस्म) मे छुपा कर चरस जिसे स्थानीय भाषा मे अत्तर कहा जाता है नेपाल से छुपा कर लेकर आते है और अपने नेपाल मे बैठे मुख्य तस्कर आका के इशारे पर इन्ही दुकानो मे डेरा जमाये बैठे भारतीय तस्कर को सौंप देते है

वापसी मे यही कैरियर लाखो रुपये कीमत का भारतीय सामान जिनमे इलेक्टानिक्स ,परचून हार्डवेयर खादें दलहन चीनी आदि अपने साथ छुपा कर या बीस तीस किलो की बोरियों मे स्वयं उपयोग हेतु वता कर नेपाल ले जाते है जहां से सारा माल एकत्र कर तस्कर ट्रको के माध्यम से सूदूर पश्चिम नेपाल तक पहुंचा कर चांदी काटते है

पलिया कलां से वनगवां मंडी तक रोज बीसों छोटी ट्रको से पहुचाया जाता है परचून, हार्डवेयर ,इलेक्ट्रोनिक्स,सरकारी राशन कोटे पर गरीबो को सस्ते दर पर मिलने वाला चावल जिसे कपितय कोटेदार ब्लैक कर तस्करो को बेच देते हैं वही सस्ता कोटे का चावल तस्करी स्पेशल मिनी ट्रांसपोर्ट के बदौलत वनगंवा पहुंचा कर तस्करी चेन के कैरियरों द्वारा नेपाल पहुंचा दिया जाता है

अब बात करते हैं यहां से एक किलोमीटर की दूर पर स्थित भारतीय कस्टम बैरियर की चौकसी की  तो जानकारी मिली है कि यहां का कस्टम स्टाफ ज्यादातर पलिया रहता है दिन मे मात्र तीन चार घंटे तो कस्टम कर्मचारी यहां पर बैठते हैं जिसके चलते यहां वार्डर पर माल लाने ले जाने वाली ट्रको की लम्बी लाइने हर समय लगी रहती हैं

बाकी समय प्राइवेट स्टाफ जिसे कस्टम कर्मियो ने अपने स्तर से यहां नियुक्त कऱ रखा है यहां पर बैठ कर सफाइ के साथ कैरियरो द्वारा की जारही तस्करी को मूक वनकर होते देखता रहता है. आज एसएस बी 39 वाहिनी ने मुखबिर की सूचना पर लाखों की तस्करी के सामान सहित दो तस्करों को किया गिरफ्तार दोनों तस्कर सीमा स्तम्भ संख्या 152 से भारी मात्रा में तस्करी का सामान लेकर नेपाल जा रहे थे को गिरफ्तार कर गौरी फंटा कोतवाली को सौप दिया गया दोनों तस्कर भारत नेपाल सीमा पर स्थित थारू बहुल गांव बनग॔वा के निवासी हैं ,तस्करी के सामान की कीमत तीन लाख पचास हजार बताई जा रही है

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