खबर का बड़ा असर – इलाहाबाद यू.पी. ग्रामीण बैंक की शाखाओं से केसीसी ऋण वितरण पर लगाया प्रतिबंध

इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक प्रधान कार्यालय बाँदा से हुई कार्यवाही

दीपक बाजपेई

महोबा. कहते हैं पाप का घड़ा जब भर जाता है तो उसका फूटना स्वाभाविक है, कुछ यही हाल इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय सहित अन्य शाखाओं का भी है लेकिन यहाँ दिलचस्प बात यह है घड़ा तो भर चुका है और उफान पर है लेकिन रिश्वत के फेविकोल से चिपकाया जा रहा है या ये कह लीजिए कि फूटने से बचाया जा रहा है , फिर भी रिसना तो शुरू हो ही गया है. जी हाँ इलाहाबाद यूपी ग्रामीण के क्षेत्रीय कार्यालय सहित जिले भर की शाखाओं में ऋण वितरण में हो रही धांधली व भ्रष्टाचार की खबरों को संज्ञान में लेते हुए प्रधान कार्यालय बांदा ने आदेश कर महोबा क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाली शाखाओं में किसान कार्ड के ऋण वितरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है ,

इसके साथ ही किसानों व आम जनता की जरूरतों को पूरा करने के लिए जिला स्तर की शाखा में ऋण वितरण सेल कार्यालय (बुटीक) खोलने की वैकल्पिक व्यवस्था को गई है | जिसके लिए प्रशिक्षित बुटीक प्रबंधक भेजे गए थे , और महोबा के लिए बुटीक प्रबंधक ओपी वर्मा को भेज गया गया था जिनको जिलास्तर की शाखा से सम्बद्ध बुटीक प्रबंधक का कार्यभार लेने का आदेश दिया गया था , बावजूद इसके भ्रस्टाचार के आरोपों से घिरे आरएम महोबा राजेश कुशवाहा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं इन्होंने अपनी मनमानी कर बुटीक को क्षेत्रीय कार्यालय में खोल दिया है.

अंधेर तो यह है कि प्रधान कार्यालय द्वारा भेजे गए प्रशिक्षित बुटीक प्रबंधक ओपी वर्मा की जगह पूर्व से ही भ्रष्टाचार व धांधली के चलते विवादों में रहे ऋण प्रबंधक सुरेश शर्मा को ही बुटीक प्रबंधक बनाया गया है , यही वजह है कि आरएम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं सूत्रों की माने तो ऋण वितरण में भ्रष्टाचार कर कमाई का स्रोत बना लिया गया है यही कारण है कि भृष्टाचारियों को ही इसकी कमान सौंप दी गई है.

बीते कई दिनों से मीडिया व सोशल मीडिया में लगातार इन अधिकारियों के भ्रस्टाचार व धांधली के किस्से खासे चर्चा में रहे, फिर भी बुटीक को क्षेत्रीय कार्यालय में खोल कर सुरेश शर्मा को ही दोहरा प्रभार सौंप कर भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखने जा रही है या ये कह लीजिए कि लिखी जा रही है| इसके अलावा राजकुमार पांडेय प्रबंधक प्रशाषन अनियमित रूप से स्थानांतरण कर तथा कर्मचारियों के अनियमित बिल पास करने के बदले में कमीशन के रूप में मोटी कमाई कर बैंक को लाखों का चूना लगा रहे है.

महोबकंठ शाखा प्रबंधक राहुल आर्या, सिजहरी शाखा प्रबंधक के.के. बिदुआ व पनवाड़ी शाखा प्रबंधक कमलेश सिंह इनके बारे में जितना कहा जाए कम ही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महोब कंठ शाखा में दलालों का बोल बाला है और यहाँ भी ऋण वितरण में कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के किस्से काफी चर्चा में रहते हैं , तो पनवाड़ी शाखा प्रबंधक कमलेश सिंह इनसे भी एक कदम आगे हैं इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से सौरा, बैंदो, महोबकंठ व पनवाड़ी शाखा सहित मात्र चार शाखाओं में ही लगभग 35 साल नौकरी की और जमकर भ्रष्टाचार कर करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा कर ली.

आपको बता दें कि सौरा गाँव में ही इनकी ससुराल है, यहाँ शाखा प्रबंधक रहते हुए अपने रिश्तेदारों को भी खूब फायदा पहुँचाया और अब आरएम की कृपादृष्टि से पनवाड़ी शाखा में जमकर लूट मचा रखी है , कुछ यही हाल सिजहरी शाखा का भी है यहाँ के प्रबंधक के.के बिदुआ भी आरएम के आशीर्वाद से खूब माल कमा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात विभागीय दलालों के माध्यम से ये सभी आरएम को माहवारी पहुंचाते हैं यही वजह है कि रोक के बाद भी सैकड़ों किसानों के दस्तावेज तैयार कर ऋण वितरण की तैयारी में है.

बड़ा सवाल तो यह है कि किसानों को लाभ पहुंचाने की बैंक प्रबंधन व सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे इन भृष्टाचारियों को किसका संरक्षण प्राप्त है..? क्योंकि लगातार भ्रष्टाचार , धांधली व कमीशनखोरी में लिप्त ये भ्रष्टाचारी आज भी जिम्मेवार पदों पर बने हुए हैं और धड़ल्ले से अपनी करतूतों को अंजाम दे रहे हैं.

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *