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आये दिन हो रही बारिश के चलते फसलें हो रहीं बर्बाद, किसानों के माथे पर पड़े बल

फारुख हुसैन

पलिया कलां खीरी। बदलते मौसम के साथ साथ मौसम के मिजाज भी बदलते दिखाई देने लगे हैं और लगभग हर रोज ही बारिश होनी शुरू हो गयी है और रूक रूक कर हो रही बारिश और तेज हवाओं से फसलों पर प्रभाव पड़ रहा है जिससे फसलें बरबाद होनी शुरू हो गयी है और इन फसलों के बदबाद होने से किसानों के माथे पर बल पड़ने शुरू हो गये हैं और इन हो रहें नुकसान से किसानों का भारी नुकसान होने की संभावनाये बढ़ गयीं हैं और इसी के चलते मंगलवार को दोपहर से ही रूक रूक कर बारिश होनी शुरू हो गयी जो शहर से लेकर गांवों में भी जमकर अच्छी बारिश हुई। सुबह से मंडरा रहे बादल दोपहर से  बरसने शुरू हो गए।

शहर में करीब आधे घंटे तक बारिश हुई। जिले के कुछ हिस्सों में आधे घंटे से कम तो कहीं आधे घंटे से अधिक समय तक वर्षा हुई जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है ।आपको बता दे कि जिले में कई दिनों से हो रही बारिश और तेज हवाओं से बाजरा, गन्ना और धान की फसलों पर प्रभाव पड़ने लगा है जिससे फसलें बर्बाद होने लगी है और यह राहत देने वाली बारिश किसानों के लिये आफत बनकर टूटी है।जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें छाने लगी हैं।आपको यह भी बता दें कि जहां बाजरा और धान की फसल की पैदावार पर विपरीत असर पड़ेगा तो गन्ने की फसल के नुकसान का खामियाजा भी किसान को परेशान करेगा।

पिछले कई दिनों से रुक रुक कर बारिश हो रही है। कभी दिन में तो कभी रात में बारिश के बाद चल रही तेज हवाओं ने प्रमुख फसल बाजरा और गन्ना के अलावा धान को भी गिरा दिया है। बारिश की तेज बौछारों से बाजरा की फसल जमीन पर बिछ गई है और यहीं नहीं कहीं कहीं खेतों में पानी भर गया जिससे फसलें डूब गयीं जिनका खराब होना स्वभाविक हो गया है जिसमें सबसे अधिक नुकसान धान,अरहर, बाजरा और गन्ने की फसल को है। किसानों की मानें तो इस समय बाजरा की फसल गिरने से उस की पैदावार पर असर पड़ेगा जिसमें अनाज तो निकलेगा ही नहीं साथ ही पशुओं का चारा भी और बारिश होने के बाद सड़ जाएगा। जबकि गन्ना की फसल मुड़ने के कारण बहुत नुकसान हो रहा है। अगर बारिश का सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो धान की फसल जमीन पर ही सड़ जाएगी जिसके कारण किसान निराश हैं ।

आखिर कब तक किसानों को कभी प्राक्रतिक की मार तो कभी शासन की मार झेलनी पड़ रही है पर देखा जाये तो यह भी किसानों के लिये यह एक अभिशाप ही है जहां कभी किसानों को देश का सबसे जिम्मेदार व्यक्ति माना जाता था और किसान को कहां जाता था कि उनकी वजह से ही देश के लोगों को जीवन दान मिलता है पर॔तु आज के हालातों को देखते हुए सोचना पड़ रहा है कि यहां तो दिया तले अंधेरा है।

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