पुलिस ने एफआईआर से किया था परहेज, सीजेएम ने लिया संज्ञान, बलात्कार के मामले में केस दर्ज करने का दिया आदेश

हरिशंकर सोनी

सुलतानपुर।  घर में घुसकर हुए जबरन दुष्कर्म एवं विरोध करने पर पीड़िता की पिटाई के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने संज्ञान लिया है। सीजेएम आशारानी सिंह ने प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश के लिए अमेठी कोतवाल को आदेशित किया है।

मामला अमेठी कोतवाली क्षेत्र के बियसिया गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले आरोपी जमुना प्रसाद के खिलाफ अनुसूचित जाति की महिला ने बीते 27 मई की घटना बताते हुए सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी। जिसमें आरोप है कि वह घटना की रात करीब 10 बजे आंगन में सो रही थी, इसी दौरान आरोपी जमुना प्रसाद घर में घुस आया आैर पीड़िता से जबरन दुष्कर्म किया। आरोप के मुताबिक जब पीड़िता ने विरोध जताया तो आरोपी ने उसे लात व थप्पड़ से मारा-पीटा। पीड़िता के मुताबिक इस बात की सूचना उसने पति के साथ जाकर कोतवाली में दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा ही नहीं दर्ज किया आैर न ही पीड़िता का मेडिकल कराना उचित समझा। पुलिसिया कार्यशैली से आजिज आकर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली। इस घटना के संबंध में सीजेएम ने कोतवाली से आख्या भी तलब की। जिसके संबंध में पुलिस ने मुकदमा न दर्ज करने की रिपोर्ट भी दी। जिस पर संज्ञान लेते हुए सीजेएम ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर नियमानुसार तफ्तीश के लिए संबंधित कोतवाल को आदेशित किया है।

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