संगम के कंधे से बंदूक दागने की साज़िस हुई बेनक़ाब

पुरानी अदावत में पुलिस कर्मी को नापने का रचा जा रहा खड़यँत्र

प्रमोद कुमार दुबे

(सुल्तानपुर)शराब माफिया संगम के कंधे से विभागीय सियासत की बंदूक दागने की साजिश हो रही है ।सियासत की बिसात लखनऊ से बिछाई गई है ।वहां से आई टीम ने पूरी स्क्रिप्ट संगम की आड़ में तैयार कर ली है।पूर्व एसपी अमित वर्मा की कार्रवाई से हटाए गए एक वरिष्ठ कर्मी अदावत की भूमिका में है।वह संगम को गिरफ्तार करने की टीम का अगुआ बना है ।यह पुलिसकर्मी संगम को गिरफ्तार करने के बाद रात भर टॉर्चर करके संगम के मुंह से जबरन उन कर्मियों का नाम उगलवा डाला जिनका वह वीडियो बनाना चाहते थे या यूं समझिए जिन्हें वह साइडलाइन करना चाहते थे। दरअसल जिले के एक नए दरअसल जिले के नए पुलिस कप्तान यह भी नहीं जानते कि आखिर क्यों पूर्व एसपी अमित वर्मा क्राइम ब्रांच के क्षत्रिय वर्ग के प्रभारी को क्यों हटाया था ?आज वह “सत्य” अंधेरों से निकलकर “प्रकाश” में लाया जाएगा ।आगे बताते चलें कि पूर्व एसपी अमित वर्मा कि बगैर जानकारी में छिप-छिपाकर कादीपुर छेत्र के एक कुख्यात छत्रिय बदमाश की पार्टी क्राइम ब्रांच अटेंड करता था ।सजातीय होने के नाते खाकी और क्राइम का गठजोड़ की इबारत गुपचुप लिखी जा रही थी ।यह बात विभाग में अंगार बन कर तैरने लगी ।अपराधियों से गठजोड़ की खबर उड़ते-उड़ते यह खबर पूर्व एसपी अमित वर्मा को भी पता चल गई ।उन्होंने बिना किसी को ज़ाहिर किए हुए टीम की गुपचुप निगरानी शुरू कर दी ।आखिरकार कुछ दिन बाद दूसरे मौके पर दारू-मुर्गा की पार्टी की जानकारी कप्तान को हुई तो कई की परेड करवा डाली।उन्होंने कार्रवाई करते हुए भोज में शामिल क्राइम ब्रांच की कई लोगों को इधर से उधर भेज दिया। लेकिन स्तानन्तरन का मामूली दण्ड पाए साहब ने इसकी वजह सेल के एक सिपाही को माना।बदले की भावना में महीनों से जल रहे आज संगम के बहाने बदला लेने का स्वर्णिम मौका मिल गया।समय ने करवट लिया ,शराब माफिया संगम को पकड़ने वाली टीम में भोज वाले साहब सर्वे-सर्वा रहे। सूत्र बताते हैं कि भोज वाले साहब पूर्व में खुद पर हुई कार्रवाई का जिम्मेदार मौजूदा क्राइम ब्रांच में एक कर्मी को मानते आए हैं। *दरअसल इस साज़िस से पर्दा तब उठा जब कोर्ट रूम के बाहर एक ही हथकड़ी में संगम और उसके सहयोगी बसंत लाल से मिलने उसके रिश्तेदार पहुँचे।संगम के दुःखते शरीर की वजह जब रिश्तेदारों ने पूछा तो पूरा भेद खुल कर सामने आ गया।बतौर संगम की जुबानी मानें तो उसे रात भर पुलिस ने मारा पीटा ।एक विभागीय पुलिस कर्मी को फंसाने के लिए उसके मुँह से जबरन नाम कहलवाया गया, उसकी वीडियो भी पुलिस ने बनाई।रिश्तेदारों ने यह भेद मीडियाकर्मियों से सांझा किया तो दूर की उलझी कड़ी सुलझ गयी।आज उसी पुलिस कर्मी को घेरने के लिए बीती रात गोसाईगंज थाने में शराब माफिया संगम और बसंतलाल को बंदूक की नोक पर डराया धमकाया गया* ।नतीजा यह रहा कि डरा हुआ संगम *भोज वाले साहब* के कहने पर वीडियो में बयां किया कि मौजूदा क्राइम ब्रांच में एक कर्मी को वह हर माह मोटी वसूली देता था। जिसके कारण जिले में शराब का धंधा पसार आ सका ।फिलहाल संगम के जबरन बनाए गए वीडियो के जरिए विभागीय दुश्मनी को नया रूप दिए जाने की गुपचुप कवायद हो रही है।गिरफ्तारी के बाद संगम को मीडिया कर्मियों से दूर रखा गया।मीडियाकर्मी सच को बेनकाब न कर दें इसलिए उन्हें न तो जैसिंगपुर की मीडिया से रूबरू करवाया गया न ही मुख्यालय के पत्रकारों से।फिलहाल संगम को गिरफ्तार करने वाली मौजूदा पुलिस टीम खुद कटघरे में है।

स्पेशल सेल के दरोगा जिले में साधे हैं सम्पर्क
सुल्तानपुर जनपद से लखनऊ के स्पेशल सेल में गए कुछ दरोगा बदले की भावना में पूरी साजिश को अंजाम देने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जिले से फोन द्वारा नेटवर्क साधे हैं ।माफिया संगम की गिरफ्तारी से पहले और पूर्व तक यहां के कुछ लोगों से भी बराबर संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है ।उन्हीं के इशारे पर व्हाट्सएप ग्रुप में खबरों को भी बीच-बीच में ब्रेक किया जा रहा है जो समझदार को इशारा काफ़ी है।यदि कप्तान साहब इस बात को गंभीरता से सोचें तो चौंकाने वाले पहलू सामने आ सकते हैं।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *