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मोदी सरकार भ्रष्टाचारियो की संरक्षक है – सुब्रमण्यम स्वामी

आदिल अहमद

नई दिल्ली। भाजपा की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है। मौजूदा वक्त में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भाजपा के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे है। अभी भाजपा इस पैच मैनेजमेंट में जुटी ही हुई थी कि कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला करने के लिए प्रसिद्ध भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अब अपनी ही पार्टी की सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने एक ट्वीट कर भाजपा की मोदी सरकार को भ्रष्टाचारियों की संरक्षक बताया है। सीबीआई में जारी घमासान सांसद स्वामी ने कहा है कि सीबीआई के बाद अगल नंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों का होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई खत्म हो जाएगी। राज्यसभा मे भाजपा सांसद स्वामी ने बुधवार को दावा किया कि ‘सीबीआई नरसंहार’ में शामिल लोग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी राजेश्वर सिंह को निलंबित करने वाले हैं और अगर ऐसा हुआ तो उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मामले दायर कर रखे हैं उनसे वह हट जाएंगे।

स्वामी ने इस आशय का आरोप ट्वीट पर किया है.ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘सीबीआई नरसंहार के खिलाड़ी ईडी के राजेश्वर को निलंबित करने वाले हैं ताकि वह ‘पीसी’ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकें। अगर ऐसा हुआ तो मेरे लिए भ्रष्टाचार से लड़ने की कोई वजह नहीं रहेगी। क्योंकि मेरी सरकार उन्हें बचाने पर तुली है. ऐसे में मैंने भ्रष्टाचार के जो मामले दायर किए हैं उन सभी से हट जाऊंगा।

बता दें कि, स्वामी अक्सर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को पीसी कहते हैं। ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह चिदंबरम से कथित रूप से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे हैं। पूर्व में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के ठिकानों पर कई बारे ईडी की ओर से छापेमारी की जा चुकी है।

सुब्रमण्यम स्वामी का यह ट्वीट ऐसे दिन आया है जब सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों-निदेशक और विशेष निदेशक के बीच भ्रष्टाचार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप से उत्पन्न संकट से पार पाने के लिए मोदी सरकार ने दोनों को अवकाश पर भेज दिया है।

क्या है पूरा मामला:

गौरतलब है कि सीबीआई ने राकेश अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी। इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया।

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया।  जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया। चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया।

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