खनन माफियाओं को नहीं किसी का खौफ, मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है अवैध खनन, शासन-प्रशासन बेबस

सरताज खान

गाजियाबाद। जनपद के लोनी क्षेत्र के हरमपुर गांव के पास यमुना नदी में मशीनों से खनन धडल्ले से बदस्तूर जारी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खनन संचालक को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। राजनैतिक दबाव के कारण अधिकारियों द्वारा ओवरलोड वाहनों को देखकर भी अनदेखा किया जा रहा है। वही खनन संचालक द्वारा यमुना नदी की ओर जाने वाले रास्तों को भी बंद करा दिया गया है। जिससे लोगों को वहां होने वाले खनन के दायरे और औसत का पता ही न चल सके।

गाजियाबाद के लोनी का नाम रेत खनन के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है। मोटी कमाई के लिए अधिकारी रिश्वत देकर भी अपनी पोस्टिंग जिला गाजियाबाद में कराने को तैयार रहते हैं। करीब एक सप्ताह से हरमपुर गांव के पास जेसीबी, पोकलेन मशीनों से यमुना का सीना चीरकर प्रतिदिन भारी मात्रा मे रेत निकाला जा रहा है। पट्टा धारक द्वारा यमुना के बीचो बीच चलती धारा में बड़ी बड़ी पोकलेन मशीनों से खनन कराया जा रहा है। लेकिन प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद मशीनों और पट्टा धारक के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। उपजिलाधिकारी सतेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि हरमपुर गांव के पास खनन के लिए पट्टा हुआ है। खनन विभाग से ही मशीनों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है।

ओवरलोडिंग पर नहीं है कोई पाबंदी

उक्त पट्टा में खनन कारोबारियों के लिए सोना कहे जाने वाले रेत के कारोबार में हर कदम मानकों की धज्जियां उडायी जा रही है। अधिकारियों द्वारा ओवरलोडिंग की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वाहन क्षमता से अधिक रेत लेकर सोनिया विहार , अल्लीपुर पुश्ता मार्ग , दिल्ली सहारनपुर , गाजियाबाद रोड से गुजर रहे हैं। लेकिन वाहनों पर ओवर लोडिंग के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वही मानकों के अनुरूप रेत ढोने के लिए कॉमशियल ट्रेक्टर की आवश्यकता होती है। 95 प्रतिशत प्राईवेट ट्रेक्टरों को खनन में रेत लाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जिन्हें पुलिस ने भी खुलेआम हादसों को दावत देते हुए छूट दे रखी है।

उक्त संचालक द्वारा हथियारों से फैलाई जा रही दहशत

यमुना किनारे 40 से 50 युवक खुलेआम अवैध हथियार लेकर धूमते देखे जा सकते हैं। इन्हें पट्टा धारक द्वारा किसी अनजान व्यक्ति को यमुना की ओर आने से रोकने के लिए रखा गया है। आरोप है कि पुलिस द्वारा कभी भी यमुना किनारे उन दबंगो द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे हथियारों के लाइसेंस चेक नही किए जाते। कितने हथियार वैध और कितने अवैध है।

रास्ता धंसने से हो सकता है बडा हादसा

यमुना किनारे खनन का कार्य कर रहे लोगों ने वाहनों की आवाजाही के लिए कच्चा रास्ता बनवाया है। लोगों की माने तो ट्रक , डंपर , ट्रेक्टर में रेत के साथ पानी भी होता है। जिससे वाहनों के धंसने और पलटने की आशंका बनी रहती है। लेकिन रुपये की चाह में खनन कारोबारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। दूसरी ओर गीले रेत से टपकते पानी से रोड भी कई जगह से टूटने शुरू हो गए है। जिससे खनन संचालक द्वारा निजी स्वार्थ के चलते सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान किया जा रहा है।

मानकों को न मानने पर पूर्व में हो चुकी है कार्यवाही

करीब 5 माह पहले चलती धारा से खनन करने पर पचायरा पट्टा धारक के खिलाफ तत्कालीन उपजिलाधिकारी अमित पाल शर्मा ने 3 पोकलेन मशीन सीज कर कार्यवाही करते हुए 20 लाख रुपये जुर्माना वसूला था। लेकिन हरमपुर में हो रहे चलती धारा से खनन पर एसडीएम सतेंद्र कुमार सिंह क्यो कार्यवाही नही करते। मामले में लोनी में अधिकारियों की भूमिका सन्दिग्ध प्रतीत होती है।

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