25 हज़ार का इनामिया था ये छात्रनेता, हास्टल में हुई गोली मार कर हत्या

आफताब फारुकी

प्रयागराज। यूपी में कानून व्यवस्था हाशिये पर हैं बनारस के बाद देर रात कुंभ नगरी हत्या से दहल गई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में शुरू हुई अदावत में हत्या शुरू हो गई है। आधी रात पचीस हजार के इनामी छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला उर्फ सुमित शुक्ला की विश्वविद्यालय के पीसीबी हॉस्टल गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद विश्वविद्यालय सहित पूरे शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। विश्वविद्यालय और आसपास के इलाके में आरएएफ भी बुला लिया गया हैं।

बुधवार की देर रात विश्वविद्यालय की पीसीबी छात्रावास में पार्टी चल रही थी। इस दौरान सुमित शुक्ला को गोली मारी गई। गोली लगने के बाद सुमित शुक्ला को आनन.फानन में स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां तकरीबन रात दो बजे उसकी मौत हो गई। सुमित की हत्या की खबर सुनते ही उसके समर्थकों का हुजूम देर रात एसआरएन पंहुचना शुरू हो गया।मौके पर जमकर हंगामा होने लगा। छात्र नेता से जुड़े मामले को देखते हुए पुलिस प्रशासन सतर्क है।और कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई।

अच्युतानंद शुक्ला उर्फ़ सुमित शुक्ला इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र नेता रहा है।बीते पांच सालों से छात्र संघ चुनाव में अपना दबदबा कायम किया हुआ है।सुमित 2012 के चुनाव में उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार रहा और जेल से चुनाव छात्रसंघ का चुनाव लड़ा हालाकि इस चुनाव में सुमित को जीत नही मिली थी। दरअसल अभी हाल में बीते छात्र संघ चुनाव के दौरान पुलिस ने 25000 का इनाम घोषित किया था। इसके बाद से सुमित फरार चल रहा था। वही देर रात गोली लगने की खबर पर विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में हड़कंप मच गया।

हालांकि सुमित शुक्ला को गोली क्यों मारी यह अभी साफ नहीं हो सका है। बता दें कि छात्रसंघ चुनाव के नामांकन के दिन गोलीबारी की घटना के बाद प्रशासन ने सुमित शुक्ला, अभिषेक सिंह माइकल, अभिषेक सिंह सोनू, आकाश सिंह और अजीत यादव पर इनाम घोषित किया था। जिसमें से बीते दिनों अभिषेक सिंह माइकल की लखनऊ से गिरफ्तारी हुई थी। वह जेल में है और अन्य नेता फरार चल रहे थे।

बता दे कि सुमित शुक्ला गोंडा का रहने वाला था। जानकारी के अनुसार सुमित के पिता शिक्षक है। सुमित के खिलाफ दर्जन भर से ज्यादा मामले दर्ज थे। सुमित ने भरी कचहरी में पुलिस वाले को गोली मार दी थी। जिसके बाद सुमित शुक्ला सुर्खियों में आया था। सुमित के खिलाफ हत्या के प्रयास अपहरण जैसे कई संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज हुआ। मौके से आशुतोष त्रिपाठी पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा था। आशुतोष को सीएमपी कॉलेज में सुमित ने ही चुनाव लड़वाया था। वह सुमित का बहुत खास माना जाता था। सूत्रों के मुताबिक शाम को हॉस्टल में आशुतोष व एक अन्य छात्र के बीच विवाद हुआ तो सुमित ने आशुतोष को फटकार लगाई थी। फिर वहां से आशुतोष चला गया रात को वह हॉस्टल पहुँचा और मेस हाल में सुमित का पैर छुआ फिर पानी पीकर वह कुछ देर टहला और अचानक पीछे से उसने सुमित के गर्दन में सटाकर गोली मार दी। अफरातफरी मचने के बाद वह फरार हो गया।

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