बरनवाल समाज ने मनाया अपने आदि पुरुष महाराजा अहिवरन जयन्ती समारोह

उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड (बलिया)। बरनवाल समाज के रविशंकर बरनवाल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि यौधेय गणराज्य के प्रवर्तक व हमारे जाति के आदि पुरुष महाराजा अहिवरन बरनवाल वैश्य समुदाय के आदि पुरुष हैं। विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार इनका कार्यकाल महाराजा अग्रसेन से पांच पीढ़ी पहले माना जाता है। महाराजा अहिवरन जी का कार्य क्षेत्र स्व0 राहुल संस्कृत्यायन की पुस्तक ‘‘जय यौधेय’’ स्व0 राजा लक्ष्मण सिंह डिप्टी कलेक्टर बुलन्द शहर व आईने अकबरी आदि के अनुसार यौधेय गणराज्य था, जिसका दूसरा नाम ‘‘बरन’’ जनपद रहा। इसे मुस्लिम शासकों ने बुलन्द शहर नाम दिया। इस जनपद की सदर तहसील को आज भी ‘‘बरन तहसील’’ के नाम से लिखा जाता है। हमारी उत्पत्ति (यौधेय गणराज्य) बुलन्द शहर से मानी जाती है। हमें गर्व है कि आज हम उनकी जयन्ती मना रहे हैं। हमें उनके पद चिन्हों पर चलनी चाहिए। बुधवार को स्थानीय बरनवाल सेवा समिति की ओर से स्थानीय नगर के बरनवाल वैश्य अतिथि भवन में आयोजित महाराजा अहिवरन जयन्ती समारोह में मुख्य अतिथि बरनवाल बोल रहे थे।

उन्होने कहा कि विदेशी आक्रमण के चलते हमारे पूर्वक यौधेय गणराज्य छोड़कर देश के विभिन्न भागों विहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश्ज्ञ, गुजरात, केरल, राजस्थान, नेपाल सहित अन्य देशों में जा बसे, और वे राजसी शान छोड़कर कृषि, ब्यापार व राजकीय नौकरियों में प्रवेश कर गये। सन् 1889 ई0 में मुरादाबाद व बदायू जनपद के बरनवाल बन्धुओं ने एक समिति का गठन किया था। जो 16 वर्षो बाद 26 दिसम्बर 1905 में को वाराणसी में प्रथम बखिल भारतीय बरनवाल वैश्य महासभा का स्ािापना अधिवेशन किया गया। जिसकी अध्यक्षता बलिया जिले के रसड़ा निवासी स्व0 गौरीशंकर लाल ‘‘रईस‘‘ ने किया था। आज गर्व का विषय है कि हम उनके वंशज जीवित हैं जिनकी जयन्ती हम प्रत्येक 26 दिसम्बर को एक साथ हर जगह मनाते हैं। विशिष्ट अतिथि मऊ जिले से पधारे अनिरुद्ध जी बरनवाल ने आपसी एकता को कायम रखने पर बल दिया। कहा कि एक तो हमारी संख्या सीमित है उसमें भी हम एक दूसरे की बुराई कर अलग-अलग सख्या बल में होकर कमजोर हो जांय, इससे हमारे समाज का भला नही होगा।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे स्थानीय समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम जी बरनवाल ने कहा कि हम सीमित संसाधन में रहकर स्थानीय स्तर पर अपने अतिथि भवन के माध्यम से समाज सेवा करते हैं। फिर भी हम अभी ब्यवस्था में अधूरा ही महसूश कर रहे हैं। उन्होने सभी के सहयोग की सराहना किया कहा कि सभी का सहयोग रहा तो बरनवाल वैश्य अतिथि भवन का दूसरा तल भी हमारे कार्यकाल में पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं रहेगा। स्थानीय समिति के मंत्री अनुपम जी बरनवाल ने समारोह की भब्य सफलता पर सभी के प्रति आभार प्रकट किया। साथ सांस्कृतिक प्रोग्राम में भाग लेने वाले बच्चों को भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक ओमप्रकाश बरनवाल, मोहन जी बरनवाल, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश जी, कोषाध्यक्ष कृष्णा जी, प्रबन्धक रामविलास बरनवाल, अनिरुद्ध जी, योगेश्वर जी पप्पू, ठाकुर प्रसाद, मुरली बाबू, राजेन्द्र जी मिल वाले, संजय बरनवाल, लल्लन बरनवाल, सुरेश कुमार बरनवाल आदि सहित महिलायें व बच्चे मौजूद रहे। समारोह का संचालन संदीप बरनवाल ने किया।

बरनवाल समाज के बच्चों ने प्रस्तुत किये मनमोहक प्रोग्राम

बिल्थरारोड (बलिया)। स्थानीय बरनवाल सेवा समिति की ओर से स्थानीय नगर के बरनवाल वैश्य अतिथि भवन में आयोजित महाराजा अहिवरन जयन्ती समारोह में बरनवाल जाति के बच्चों ने विभिन्न राज्यों पर आधारित पहनावे का साज-सज्जा, रामकृष्ण की झांकी, देश रंगीला गीत, डांस, हस्तकला प्रदर्शनी, अहिवरन जयन्ती आरती, पोयम, कहानी, हास्य ब्यंग, चुटकुले आदि प्रस्तुत किया।

जिसमें चश्में का गणित नामक लघु नाटक चर्चा का विषय बना रहा। इस समारोह में मुख्य रुप से अनुष्का बरनवाल, अरनव बरनवाल, नेहसा, पलक, पीहू, सेरी बरनवाल, कली, आयुष, बालेश्वर, इस्विता, कान्हा, काब्या, निशा, श्रेया, सानिया, ईशा, व कलस आदि ने अपना-अपना मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

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