हज किराये के अंतर्राष्ट्रीय टेंडर करवाने और जीएसटी हटाने की हुई मांग

अब्दुस्समद

बलिया :आल इण्डिया हज सेवा समिति ने प्रधानमंत्री मोदी से हज यात्रियों पर से पूरी तरह जीएसटी हटाने और हाजियो के किराए का अन्तर्राष्टीय टेण्डर कराने की मांग की है। आल इण्डिया हज सेवा समिति के राष्टीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य (भारत सरकार) हाफिज नौशाद अहमद ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि केंद्र की एन0डी0ए0 सरकार द्वारा देश के एक लाख 28 हजार यात्रियों के साथ घोर अन्याय कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी हटाये जाने की मांग और अन्तर्राष्टीय टेण्डर कराये जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। आजमी ने बताया कि 2017 तक एयर इण्डिया को केंद्र सरकार हाजियो के हवाई किराये में सब्सिडी देती थी लेकिन 2018 में केंद्र की मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया जब कि उच्चतम न्यायालय का 2012 का यह फैसला था इस सब्सिडी को दस साल में धीरे धीरे एयर इण्डिया को दी जाने वाली खत्म किया जाय मगर केंद्र की एन0डी0ए0 सरकार ने इसे 4 वर्ष पहले ही खत्म कर दिया।

आजमी ने बताया कि हाजियो की किराये का कारोबार लगभग 12 अरब रुपये से अधिक का होता हैं।और एयर इंडिया अपने मन से मनमाना किराया तय करती हैं जो वाराणसी से 98 हजार लखनऊ से 84 हजार प्रति हज यात्री 2018 में लिया गया, ये हज यात्रियों के साथ लूट के समान है जब कि आम सऊदी यात्री जिद्दा या मदीना का का टिकट 20 से 30 हजार रुपये के बीच आना जाना मिल जाता है. हज सेवा समिति 1 साल से यह मांग कर रही हैं कि हाजियो के हवाई किराये का अन्तर्राष्टीय टेंडर किया जाय जिससे हज यात्रा सस्ती हो जाएगी. लगभग भारतीय मुसलमानो के 700 से 800 करोड़ रुपये की गाढ़ी कमाई बचेगी और इससे भी ज्यादा सस्ती हो जाएगी।

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