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इस्पेक्टर या वर्दी वाला मगरूर शहंशाह : बेटे की मौत का मुकदमा लिखवाने पहुची माँ गिड़गिड़ाती रही, नहीं पसीजा इस्पेक्टर साहब का दिल

आफताब फारुकी

लखनऊ: ऐसा नही कि सभी होते है ऐसे मगर कई ऐसे भी पुलिस वाले है जो वर्दी के रौब में खुद को शहंशाह समझ लेते है। इसी तरह के एक पुलिस इस्पेक्टर का वीडियो आज सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग इसको जमकर वायरल कर रहे है। इस वीडियो में एक बुज़ुर्ग माँ अपने जवान बेटे की मौत के बाद मुकदमा दर्ज करवाने थाने पर आती है। इस्पेक्टर साहब एक क्रूर शहंशाह की तरह कुर्सी पर बैठ टांग पर टांग चढ़ा कर धुप सेक रहे है। महिला उनके सामने रो रही है फ़रियाद कर रही है मगर इस्पेक्टर साहब का दिल नही पसीजा आखिर में महिला ने उनके पैर पकड़ लिये तो इस्पेक्टर साहब ने अपने पैरो को नीचे उतार लिया। ऐसा लगा शायद वह उसको आराम से पैर पकड़ने को दे रहे है।

यह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला उस समय पेश आया जब राजधानी लखनऊ के गोडवा इलाने में गोंडवा इलाके में एक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करने वाले टिंकू की मशीन ऊपर गिरने से मौत हो गई थी। टिंकू का भाई भी उसी फैक्ट्री में काम करता था। टिंकू पर मशीन ऊपर गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के पास लाइसेंस नहीं था, वह गैरकानूनी रूप से चल रही थी। टिंकू की मां उसकी मौत की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पुलिस थाने आई थी, ताकि फैक्ट्री के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई हो। पुलिस स्टेशन पहुंची तो टिंकू की मां की रिपोर्ट नहीं लिखी गई।

इसके बाद उन्होंने इंस्पेक्टर तेज प्रताप से गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी निराशा मिली। इसके बाद टिंकू की मां हाथ जोड़कर इंस्पेक्टर के सामने गिड़गिड़ाने लगी और उनके पैरों में गिर गईं। लेकिन इंस्पेक्टर का दिल नहीं पसीजा। इंस्पेक्टर ने इसके बाद भी रिपोर्ट नहीं दर्ज की। जब लोगों ने विरोध किया तो टिंकू की मां की रिपोर्ट दर्ज की गई। बुजुर्ग महिला का वीडियो वायरल होने के बाद इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की गई। कार्यवाही भी क्या साहब उनको सिर्फ लाइन हाज़िर कर दिया गया। प्रकरण में एसपी, हरेंद्र सिंह ने बताया, ‘वीडियो मैंने भी देखा है। वीडियो पर संज्ञान लिया गया है और इसकी जांच करवाई जाएगी। यह जांचा जाएगा कि यह किन परिस्थितियों में हुआ है। हालांकि, अभी इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

वैसे हम सभी जानते है कि सिर्फ थाने के प्रभार से हटा कर लाइन हाज़िर करने से इस्पेक्टर साहब का क्या बिगड़ सकता है। उनको आज नही तो कल दुबारा थाना मिल जाएगा और इस्पेक्टर साहब का शहंशाही अंदाज़ वापस कायम रहेगे। अब देखना होगा कि जाँच किस प्रकार होती है और जाँच रिपोर्ट में क्या दुखियारी माँ को इन्साफ मिलता है ?

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