जनाबे फात्मा ज़हरा की शहादत पर निकला जुलूस

तारिक खान 

प्रयागराज 8 नवम्बर :- माहे जमादिउल अव्वल के चाँद की तस्दीक़ के साथ जनाबे फातमा ज़हरा की शहादत पर तीन दिवसीय शोक मनाने का सिलसिला ब्रहस्पतवार की रात्रि से शुरु हो गया।कहीँ मजलिसों मे रसूले अकरम मोहम्मदे मुस्तफा की बेटी और पहले इमाम हज़रत अली की ज़ौजा पर ढ़ाए गए मज़ालिम की दास्ताँ ओलमाओं ने बयान की तो कहीं जुलूसे फात्मी भी निकाले गए।दरियाबाद स्थित नौहा ख्वान ग़ुलाम अब्बास के अज़ाखाने से मातमी अन्जुमनों ने जुलूस निकाला जो दरगाह हज़रत अब्बास पहुंच कर सम्पन्न हुआ।

जुलूस से पूर्व शायर नायाब बलयावी व नजीब इलाहाबादी ने फातमा ज़हरा की शहादत पर ताज़यती नज़्म पेश की तो मौलाना व इमामे जुमा सै०हसन रज़ा ज़ैदी ने ग़मगीन मसायब पढ़े।अन्जुमन ग़चन्चा ए क़ासिमया के नौहा ख्वानो ने जनाबे फातमा को याद करते हुए शायर तालिब इलाहाबादी का लिखा ग़मगीन नौहा पढ़ा:- अस्सलामो अलैके या सय्यदा – अस्सलामो अलैके या मरज़िया – अस्सलामो अलैके या फातेमा जिस पर अन्जुमन के मातमदारों ने जम कर मातम किया।जुलूस में अन्जुमन हुसैनिया क़दीम व अन्जुमन मोहाफिज़े अज़ा ने भी शिरकत करते हुए जुलूस निकाला।

वहीं इमामबाड़ा नाज़िर हुसैन बख्शी बाज़ार मे हुई एक अन्य मजलिस को मौलाना रज़ी हैदर साहब ने खिताब करते हुए जनाबे फातमा ज़हरा की शहादत का मार्मिक अन्दाज़ मे ज़िक्र किया।मजलिस के बाद इमाम बाड़े की सभी लाईट बन्द कर मोमबत्ती की रौशनी मे ताबूते फातेमा निकाला गया तो हर ओर सदा ए आहो बूका गुंजने लगी।मजलिस व जुलूस में मौलाना जव्वाद हैदर,मौलाना मो०ताहिर,खुशनूद रिज़वी,मन्ज़र कर्रार,सै०मो०अस्करी,मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन,आमिर रिज़वी,नूरुलऐन आब्दी,मक़सूद रिज़वी,ज़ुलक़रनैन आब्दी,जावेद अब्बास,शादाब ज़माँ,शबीह अब्बास,एखलाक़ रज़ा,ज़हीर अब्बास,कामरान रिज़वी,अली रिज़वी,शबीह रिज़वी,सामिन अब्बास,राग़िब हसन,अनीस जायसी,इब्ने हसन आदि मौजूद थे।

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