भाजपा को नही मिल रहा बहुमत इसलिये नीतीश कुमार को बनाये प्रधानमंत्री – जदयु पूर्व सांसद गुलाम रसुल बलियावी

गोपाल जी

पटना। एनडीए के घटक दलों में आपसी कसमसाहट बढती दिखाई दे रही है। सभी समीकरणों को दरकिनार करते हुवे शांत बैठे मतदाताओ ने सभी एग्जिट पोल पर लोगो को खामोश कर दिया है। मगर वही सुगबुगाहट ऐसी समझ में आ रही है कि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नही मिल रहा है। ऐसी स्थिति में एनडीए के अन्दर प्रधानमंत्री पद हेतु आपसी खिचातान हो सकती है। इसकी एक बानगी आज देखने को मिली जब जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने नीतीश कुमार को प्रधानमन्त्री बनाने की बात कही है।

जद (यू) नेता और राज्यसभा के पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा, “इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बहुमत नहीं मिल रहा है, इसलिए नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना चाहिए। “बलियावी के इस बयान के बाद भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के विधायक नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री और जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित सभी नेता मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं, ऐसे में बलियावी का यह अलग राग अपनाना कई इशारे करता है।

उन्होंने विरोधियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बलियावी को अगर कहीं और जाने की इच्छा है तो उन्हें स्पष्ट कहना चाहिए। नवीन ने दावा करते हुए कहा कि यह बलियावी के अपने दिमाग की उपज है। जद (यू) नेता के बयान पर विपक्ष ने भी तंज कसा।पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चुटकी लेते हुए कहा, “अब भाजपा ही बताए कि उनके गठबंधन में कौन प्रधानमंत्री पद का चेहरा है। नीतीश कुमार भाजपा की पीठ में छुरा घोंपने को तैयार बैठे हैं।”

बताते चले कि महागठबंधन के तौर पर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़े नीतीश ने एक समय भाजपा से अलग होते हुवे कहा था कि “मर जाऊँगा मगर भाजपा का साथ नही पकडूँगा। इसके बाद विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत महागठबंधन को मिलने के बाद नितीश जहा मुख्यमंत्री बने वही आधी कुर्सी के दावेदार लालू यादव ने अपने बेटे को उप मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद विभागों के बटवारे और अन्य मामलो पर दोनों दलों में खटपट रहने लगी। इस खटपट का फायदा उठाते हुवे सुशील मोदी के प्रयास से एक बार फिर नीतीश और भाजपा एक हो गए और भाजपा के समर्थन से आधी कुर्सी पर हक़ जमाते हुवे भाजपा के सुशील मोदी ने नीतीश से महागठबंधन का साथ छुडवा कर भाजपा का समर्थन देकर गद्दी बचा लिया। तभी से विपक्ष की भूमिका में गए महागठबंधन के अन्य घटक दलों ने नीतीश पर पीठ में छुरा घोपने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था। अब जब जदयू के वरिष्ठ नेता द्वारा नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने की बात हुई तो विपक्ष को बोलने का मौका मिल गया है।

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