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भाजपा प्रत्याशी नेहरू की गलती ठहराने में हुवे ऐसा विलीन की कहा जिन्ना काबिल शक्सियत थे, प्रधानमंत्री बनते तो देश का बटवारा न होता.

आफताब फारुकी

भोपाल. भाजपा के तरफ से देश के अतीत में कांग्रेस पार्टी के बने प्रधानमंत्रीयो को हर गलत काम का उत्तरदाई ठहराने का ऐसा लगता है जैसे फैशन चल गया है। पहले मनमोहन सिंह के खिलाफ जमकर मंचो से ज़हर उगला जा रहा था। इसके बाद नेहरू के काम पर कसीदे पढ़े जा रहे है। उससे भी मन नही भर पाया होगा तो शायद इतिहास में जाकर इंद्रा गांधी को भी तलाशने की कोशिश हुई। मौजूदा माहोल में इस वक्त भाजपा के निशाने पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी है। इस समय तो कुछ भाजपा नेताओ का बस नही चल रहा है कि वह नेहरू और राजीव गांधी को वापस लाकर उनसे सवाल पूछना शुरू कर दे।

हकीकी ज़िन्दगी में देखे तो भाजपा मुद्दों को किनारे छोड़ कर उन मुद्दों की बात कर रही है जिसका इस चुनाव से कोई लेना देना ही नहीं है। चुनावी मुद्दे तो शायद बेरोज़गारी, महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दे होने चाहिये थे। मगर आज मुद्दा बना हुआ है कि राजीव गांधी पिकनिक मानाने के लिए आईएनएस विराट से गए थे। मुद्दे ऐसे है जिसमे जिसके ऊपर आरोप लग रहा है वह जिंदा भी नही है आरोपों का जवाब देने के लिए। मगर सोशल मीडिया पर ये मुद्दे खूब उछाले जा रहे है। इस दौरान एक यूज़र जो विपक्ष का समर्थक लग रहा था ने राहत इन्दौरी का एक शेर लिख कर इस बहस का जवाब दिया था कि लवे दियो की उछालते रहना, गुलो के रंग पर तेज़ाब डालते रहना, मैं नूर बनकर ज़माने में फ़ैल जाऊँगा, तुम आफ़ताब में कीड़े निकालते रहना।

वैसे इस शेर के कई मायने है, मगर सोशल मीडिया पर उल्टिया करके किसी एक दल के प्रवक्ता की तरह पोस्ट करना अलग बात है। बहरहाल, वापस अपने मुद्दे पर आते है। भाजपा के द्वारा यह साबित करने में कि देश में अधिकतम नुकसान नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस से बने प्रधानमंत्रीयो के कारण हुआ है इतना मशगुल हो चुके है कि देश के बटवारे का ज़िम्मेदार नेहरू को ठहराने के लिए भाजपा नेता जिन्ना जैसे लोगो की तारीफ करने से पीछे नही हट रहे है।

ताज़ा मामला मध्य प्रदेश की रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी गुमान सिंह डामोर का है। गुमान सिंह डामोर ने आज एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर स्वतंत्रता के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री बनने की जिद्द न की होती तो इस देश का बंटवारा नहीं होता। मोहम्मद अली जिन्ना एक एडवोकेट और विद्वान व्यक्ति थे। यह बातें बीजेपी प्रत्याशी ने एक चुनावी मीटिंग के दौरान कही।

उन्होंने देश के बंटवारे का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा। डामोर का बयान एक ऐसे समय पर आया है, जब बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान को मुद्दा बनाए हुए है, तब बीजेपी प्रत्याशी का यह बयान राजनीतिक गलियारे में तूफान ला सकता है। इस वक्त लोकसभा के पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं। रविवार(12 मई) को छठें चरण का मतदान होना है।जबकि आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होना है। वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे।

अब देखना होगा कि भाजपा इस बयान पर क्या रवैया अख्तियार करती है। क्योकि भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थमने वाले शत्रुध्न सिन्हा की जिन्ना के नाम पर ज़बान फिसल जाने के बाद शत्रुध्न सिन्हा ने बयान के कुछ देर बाद ही माफ़ी मांगी थी। उसके बाद भी कई चैनलों ने इसको बहस का मुद्दा बना लिया था। अब जब भाजपा के प्रत्याशी का इस प्रकार से बयान आया है तो वही वर्ग खामोश है।

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