असहमति को अपराध या अपमान मानने की मानसिकता लोकतंत्र को कमजोर बनाती है – कन्हैया कुमार

गोपाल जी

पटना। जेएनयु के पूर्व अध्यक्ष और प्रखर वक्ता कन्हैया कुमार ने  23 मई को आने वाले चुनाव नतीजों को लेकर जनता से अपील की है और एक फेसबुक पोस्ट लिखा है। उन्होंने अपने चाहने वालो से कहा है कि ‘जिस दोस्त, पड़ोसी या रिश्तेदार से राजनीतिक बहस के कारण आपकी बातचीत बंद हो गई है, उसे आज फोन करें, उसके परिवार का हाल-चाल पूछें और बताएं कि उनसे आपका रिश्ता इतना कमजोर नहीं कि वह ऐसी बातों से टूट जाएगा। असहमतियों का सम्मान करना ही लोकतंत्र की खूबसूरती है। अगर ‘हम भारत के लोग’ किसी भी तरह की नफरत को अपने दिल से मिटा देंगे, तो समाज और राजनीति में भी नफरतवादी ताकतें अपने आप हारने लगेंगी।

उन्होंने लिखा, ‘कल चुनाव में चाहें कोई जीते, हमें इसका ध्यान रखना होगा कि आने वाले समय में समाज में नफरत की हर हाल में हार हो। पिछले पांच सालों में मतभेद को जिस तरह ‘मन का भेद’ बनाया गया है, उसने न केवल लोकतंत्र को कमजोर किया है बल्कि समाज को नफरत की आग में झोंकने का काम भी किया है। नेताओं के चक्कर में आपस में लड़ने वालों को ठंडे दिमाग से सोचने की जरूरत है कि ऐसा करने से किनका फायदा होता है और किनका नुकसान। असहमति को अपराध या अपमान मानने की मानसिकता न केवल लोकतंत्र को कमजोर बनाती है, बल्कि रिश्तों में भी जहर घोलती है। लोकतांत्रिक होने का मतलब है असहमति को सम्मान देना और यह बात चुनाव या राजनीति से आगे जाती है।

कन्हैया ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘देश का मतलब क्या है? जो देश में रहते हैं, वही देश बनाते हैं। उनके हित ही देश के हित हैं। अगर गरीब किसान, मजदूर, विद्यार्थी, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, महिला आदि को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियां बनती हैं तो इसका नुकसान पूरे देश को होता है। इन नीतियों का विरोध करना देशप्रेम है न कि पीएम, सीएम या सांसद के विरोध को देश का विरोध मानकर सड़कों पर हिंसा करना। जिन्होंने देशप्रेम को नेताप्रेम बना दिया है, उनसे सावधान रहने की जरूरत है। वे अपने फायदे के लिए आपके रिश्तों में भी जहर घोल रहे हैं।’

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *