ममता बनर्जी को बड़ा झटका – टीएमसी के दो विधायक सहित 29 पार्षद भाजपा में हुवे शामिल

तारिक आज़मी

नई दिल्ली: सरकार बनते ही दल बदलने की पहली बड़ी खबर तृणमूल कांग्रेस को हिलाने वाली है। आज ममता बनर्जी को बड़ा झटका देते हुवे तृणमूल कांग्रेस के दो विधायको और 29 पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके अलावा सीपीएम के एक विधायक ने भी भाजपा का दामन थामा है। आज भाजपा ज्वाइन करने वाले विधायकों में भाजपा नेता मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय भी शामिल हैं। तीनों विधायकों को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।

इस कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि टीएमसी के कई और काउंसलर आगे भी बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। बता दें, पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 18 सीटें जीती हैं, वहीं टीएमसी को 22 और कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी की टीएमसी के 40 विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं और वे चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो जाएंगे।

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस तरीके से पश्‍च‍िम बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुए उसी तरीके से यहां सात चरणों में लोगों को पार्टी में शामिल करवाएंगे। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि 40 विधायक हमारे संपर्क में हैं और कभी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। आज उसका पहला चरण है। उन्‍होंने कहा कि ममता जी की तानाशाही से तंग आकर सभी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। 3 विधायक और 29 पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुकुल रॉय ने कहा कि हम लोग बंगाल में संघर्ष करेंगे।

वहीं, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी संगठन के पुनर्गठन के मकसद से तृणमूल कांग्रेस अपने नाराज नेताओं से संपर्क साध रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘हम ऐसा नेताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंच रहे हैं, जो कुछ कारणों से निष्क्रिय हो गए हैं। हम हर किसी को पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।’ कोलकाता के महापौर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फरहाद हकीम ने रविवार को शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी से मुलाकात की, जिन्होंने सक्रिय राजनीति से विश्राम ले लिया है। और चटर्जी से पार्टी में लौटने और संगठन की जिम्मेदारी देखने को कहा है। हालांकि चटर्जी ने इस बाबत कोई भी वादा नहीं किया है। तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्षों ने नाराज नेताओं से मुलाकात की है और उनसे ”गलतफहमियों” को भूलाकर पार्टी में वापस आने का आग्रह किया है।

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