भदोही / गोपीगंज – तालाबो को पाट खडी होती इमारते, मूकदर्शक बना प्रशासन

प्रदीप दुबे

भदोही / गोपीगंज। नगर पालिका परिषद गोपिगंज के अंतर्गत अधिक तालाबों पर कब्जा है। कहीं ब्यवसायिक जगह तो कहीं इमारतें तन गईं हैं, जबकि तालाब के क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया हुआ है। बावजूद इसके तालाब की जमीनों पर मनमाने ढंग से कब्जा हो रहा है।

सरकारी जमीन को भू-माफिया के कब्जे से मुक्त कराने के लिए प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद एंटी भू-माफिया टॉस्क फोर्स का गठन किया गया। इस कमेटी का केवल यही काम था कि ऐसी जमीनों को दबंगो के चंगुल से मुक्त कराया जाए। लेकिन, शुरुआती दिनों की गिनती की कवायदों के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। मौजूदा हालात यह है कि जिले में अधिक तालाबों पर अतिक्रमण है। 561 ग्राम पंचायतों वाले जिले में लगभग हर गांव में एक-दो तालाब हैं।

यही स्थिति नगरीय इलाकों में भी है, लेकिन ज्यादातर तालाब अतिक्रमण की जद में आकर अस्तित्व खोने की कगार पर हैं। इससे अतिक्रमित तालाबों की अनुमानित संख्या एक हजार के के लगभग है। गोपिगंज नगर के ही नही बल्कि ज्ञानपुर, भदोही, सुरियावां, घोसिया, खमरिया, औराई, चौरी समेत जिले के तमाम प्रमुख इलाकों में तालाबों को पाट कर निजी उपयोग में लिया जा रहा है। भू माफिया की तहसील स्तर के अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ से जमीन अतिक्रमण करने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा है?नगर में जोगिबीर तालाब, सोनिया तालाब, पश्चिम मोहाल अंजही मोहाल के पीछे का तालाब का अस्त्तित्व तो बिल्कुल ही समाप्ति की तरफ अग्रसर है। जोगिबीर तालाब को लेकर जिलाधिकारी, पूर्व सांसद ने कई बार नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को कहा परन्तु किसके दवाव में खाली नही करा रहे है यह जांच का विषय है। जबकि नगर पालिका परिषद की बोर्ड एवं अध्यक्ष प्रहलाद दास गुप्ता ने जोगिबीर तालाब व सोनिया तालाब के सुंदरीकरण का प्रस्ताव पारित किया है.

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *