भाईचारे की मिसाल : कांवड़ियों को नाग देवता का दर्शन कराता है भदोही का शराफत अली

प्रदीप दुबे विक्की

भदोही 21 जुलाई। भदोही जनपद का हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा कालीनो के ताने-बाने की तरह है। देश दुनिया में अपने हुनर व रंग-बिरंगी कालीनो के लिए यह जिला जितना विश्व विख्यात है। उतना हिन्दू-मुस्लिम एकता व भाईचारे के लिए भी अपनी पहचान बनाये हुए है। इसी हिन्दू-मुस्लिम एकता व भाईचारे की बगिया को भदोही का अधेड़ सींच रहा है। जो प्रत्येक वर्ष सावन माह में कालीन नगरी भदोही से होकर जाने वाले कांवड़ यात्रियों को नाग देवता का दर्शन कराता है।

आज रविवार को भदोही-औराई मार्ग के रजपुरा चौराहा स्थित जब लगभग तीन दर्जन से अधिक कांवड़ियों के बीच हरी पगड़ी बांधे व चेहरे पर सफेद दाढ़ी वाला एक अधेड़ कांवड़ियों के बीच बैठा दिखायी पड़ा तो इस संवाददाता के पैर अपने आप ही रूक गये। देखा तो लगभग 60 साल का एक बुजुर्ग सिर पर हरी पगड़ी बांधे और चेहरे पर सफेद दाढ़ी तथा सामने फन फैलाये नाग देवता विराजमान थे। सामने बैठे बड़ी संख्या में कांवड़िये नाग देवता का दर्शन कर रहे थे। कौतूहलवश इस संवाददाता ने जब अधेड़ से पूछा तो उसने अपना नाम शराफत अली भदोही भदोही के कुकरौठी गांव का निवासी बताया।

काफी कुरेदने पर शराफत अली ने बताया कि किसी के कंपनी, मकान में सांप दिखता है तो वह उसे वहां से हटाने व पकड़ने के बुलाते हैं। लेकिन जब सावन माह में भदोही से होकर बड़ी संख्या में कांवड़िये गुजरते हैं तो वह नाग देवता को लेकर निकल पड़ता है। और सड़क से होकर जा रहे कांवड़ियों को नाग देवता का दर्शन कराता है। लगभग 60 वर्षीय अशरफ अली बताते हैं कि कांवड़ियों से उन्हे बेपनाह मोहब्बत है। और बदले में कांवड़ लेकर जाने वाले लोग भी उसे बहुत चाहते हैं। कई वर्षों से नाग देवता का दर्शन कराते चले आ रहे हैं। जिससे काफी संख्या में कांवड़िया नाम व चेहरे से भी उन्हे पहचानते हैं।

अशरफ अली बताते हैं कि उनका मकसद यह रहता है कि बड़ी संख्या में जाने वाले कांवड़ यात्रियों को जहां नाग देवता का दर्शन कराते हैं, वहीं नाग देवता को देखने के लिए कांवड़ यात्री कुछ देर बैठकर अपनी थकान इसी बहाने मिटा लेते हैं। भदोही शहर के कुकरौठी गांव निवासी अशरफ अली कांवड़ियों को नाग देवता का दर्शन कई वर्षों से कराते चले आ रहे हैं। इसे हिन्दू-मुस्लिम एकता व भाईचारे की मिसाल नहीं कहेंगे तो क्या कहा जा सकता है।

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