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मऊ सदर के बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी के बारे में ये जानकारी आपको हैरान कर देंगी

तारिक आज़मी

कृष्णानन्द राय हत्याकांड में बाइज्ज़त बरी हुवे मुख़्तार अंसारी आज कल एक बार फिर से सुर्खियों में है। जहा कृष्णानन्द राय समर्थक इस फैसले से दुखी दिखाई दे रहे है वही दूसरी तरफ मुख़्तार समर्थको द्वारा मिठाइया तकसीम किया जा रहा है। जेल में रहकर लगातार मुख्तार अंसारी मऊ सदर से विधायक चुने जा रहे है तो उसके पीछे सिर्फ धार्मिक भावना ही नही है। बल्कि पूर्वांचल में उनके समर्थको का एक बड़ा वर्ग उनका समर्थन करता है। ये इस कारण नहीं कि मुख्तार अंसारी किसी धर्म विशेष से ताल्लुक रखते है, और समर्थक उसी धर्म विशेष के है। बल्कि मुख़्तार अंसारी के समर्थको में सभी वर्ग के लोग है।

ख़ास तौर से भूमिहार जाति के समर्थको की कमी नही है। पुरे पूर्वांचल में भूमिहार वर्ग में मुख्तार अंसारी की अच्छी पकड़ है। इसकी वजह खौफ नही है। वैसे अमूमन मुख़्तार अंसारी का नाम आते ही लोगो के ज़ेहन में एक लम्बे चौड़े कद काठी, तनी हुई मूंछे और रोबदार चेहरे का व्यक्तित्व सामने आता है। मगर बहुत कम लोगो को मालूम है कि ये तनी मुछे मुख़्तार अंसारी को वरासत में मिली है। अमूमन लोग इन तनी मुछो को मुख़्तार अंसारी का खुद का सिम्बल मानते है। मगर हकीकत ये है कि यह सिम्बल उनका पुश्तैनी है।

पूर्वांचल के इलाको के गरीब गुरबों में मुख्तार अंसारी के परिवार का काफी सम्मान है। यह सम्मान किसी डर और खौफ से नहीं है बल्कि मुख़्तार अंसारी के पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनके तथा उनके परिवार द्वारा आम जनता हेतु किया जाने वाला कार्य है। मुख़्तार अंसारी के द्वारा कई बेरोजगार युवाओं को कारोबार मिला है साथ ही पढ़े लिखे उनके जानने वाले और पहचानने वालो उनके क्षेत्र के लोगो गरीबो और मज़लूमो के परिवार के लड़के अच्छी तनख्वाह पर काम करते है। कोई भी किसी लड़की के शादी विवाह हेतु अगर इस परिवार से सहायता हेतु जाता है तो उसको निराशा हाथ नही लगती है। यहाँ तक कि कई शादिया ये परिवार खुद के खर्च पर करवाता है।

सर्दी के रातो में परिवार के लोग गरीबो को सडको पर घूम घूम कर रात के सियाह अंधेरो में कम्बल और रजाई देते है। ये कम्बल और रजाई भी आम तरीके की नही बल्कि अच्छी क्वालिटी की होती है। वही अगर विधायक निधि की बात करे तो आम तौर पर देखा जाता है कि विधायक निधि से विधायक अधिकतर पुरे पैसे खर्च भी नही कर पाते है। दूसरी तरफ मुख़्तार अंसारी के विधायक निधि से 20 गुना ज्यादा वह अपने क्षेत्र में खर्च करते है। ये बाकि पैसे खुद मुख़्तार अंसारी के अपने कारोबार से खर्च होते है। शायद यही कारण है कि लोग मुख़्तार अंसारी को पूर्वांचल का रोबिन हुड भी कहते है।

गौरवशाली है खानदान का इतिहास

मुख़्तार अंसारी समर्थक कृष्णानन्द राय हत्याकांड में अंसारी परिवार को आरोपी बनाने पर इसको राजनैतिक षड़यंत्र कहते है। ये कोई अंधभक्ति नही है बल्कि अंसारी परिवार के गौरवशाली इतिहास के कारण ऐसा है। शायद कम लोगों को ही पता हो कि मऊ में अंसारी परिवार की इस इज़्ज़त की एक वजह और है और वो है इस खानदान का गौरवशाली इतिहास। खानदानी रसूख की जो तवारीख इस घराने की है वैसी शायद ही पूर्वांचल के किसी खानदान की हो।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दादा थे गांधी जी के गरीबी

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के दादा का नाम डॉ मुख्तार अहमद अंसारी था, वह  स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और वे गांधी जी के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी याद में दिल्ली की एक रोड का नाम उनके नाम पर है। यही नहीं गाजीपुर का जिला अस्पताल भी उन्ही के नाम पर है और खुद मुख़्तार अंसारी का नाम भी उन्ही के नाम पर है।

नवशेरा युद्ध के महानायक शहीद ब्रिगेडियर उस्मान थे नाना

मुख्तार अंसारी के दादा की तरह नाना भी नामचीन हस्तियों में से एक थे। शायद कम ही लोग जानते हैं कि महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार अंसारी के नाना थे। जिन्होंने 1947 की जंग में न सिर्फ भारतीय सेना की तरफ से नवशेरा की लड़ाई लड़ी बल्कि हिंदुस्तान को जीत भी दिलाई। हालांकि वो खुद इस जंग में मुल्क के लिए शहीद हो गए थे।

पिता थे बड़े नेता तो चाचा रहे उपराष्ट्रपति

खानदान की इसी विरासत को मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी ने आगे बढ़ाया। कम्यूनिस्ट नेता होने के अलावा अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से सुब्हानउल्लाह अंसारी को 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। इतना ही नहीं भारत के पिछले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के रिश्ते में चाचा लगते हैं।

बड़े बेटे अब्बास ने किया है देश का नाम रोशन

एक तरफ जहां सालों की खानदानी विरासत है तो वहीं दूसरी तरफ कई संगीन इल्ज़ामों से घिरे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की अगली पीढ़ी से मिलेंगे तो फिर हैरानी होगी। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी जो भले राजनीति में अपना परचम लहराना शुरू कर दिया है। मगर वह शॉट गन शूटिंग के इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में शुमार अब्बास न सिर्फ नेशनल चैंपियन रह चुके हैं। बल्कि दुनिया भर में कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर चुके हैं। अब इस विरासत को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी अब्बास अंसारी कंधो पर है।

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