वीडियो – पनकी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुवे 2 वर्ष पहले मृत सुरक्षाकर्मी के परिवार ने लगाई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार

आदिल अहमद

कानपुर. पनकी थाना क्षेत्र में मृत सुरक्षाकर्मी मलखान के मौत को दो वर्ष बीतने के बाद भी मौत का राज़ न खोल सकने वाली पनकी पुलिस के विरोध में आज भारत नव निर्माण मोर्चा ने कानपुर जिलाधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन कर पनकी पुलिस और घटना के विवेचक पर गंभीर आरोप लगाये।

बताते चले कि पनकी निवासी सुरक्षाकर्मी मृतक मलखान सिंह की मौत 19 मार्च 2017 को हुई थी। जिसकी लाश फैक्ट्री पनकी थाना क्षेत्र  के निकट ही नाले में मिली थी। मृतक की पुत्री अंजू सिंह ने आरोप लगाते हुवे बताया कि पुलिस ने आनन फानन में शव को अज्ञात बताकर अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में मृतक के परिवार को उसका सामान देने के लिए बुलाया गया। मृतक की पुत्री अंजू ने विवेचक पर गंभीर आरोप लगाते हुवे कहा कि इसके बावजूद पुलिस ने मृतक का कोई भी सामान नहीं दिया और चौकी इंचार्ज ने जबरजस्ती एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराने चाहे, जिस पर लिखा था कि हम भविष्य में कभी फैक्ट्री सिक्योरिटी एजेंसी व पुलिस की कोई शिकायत नही करेंगे। अंजू का कहना था कि पुलिस के दबाव के बावजूद हम और हमारे परिजनों ने कोई हस्ताक्षर नही किये। और जब हम फैक्ट्री पहुँचे तो हमको धक्का मारकर वहां से भगा दिया गया। उसके बाद हम लोगो ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई सुनवाई नही किया।

अंजू ने गंभीर आरोप लगते हुवे कहा कि उल्टा पनकी थाना इंचार्ज पीड़ित मुझसे कहते थे कि यहाँ आकर मिलते रहा करो, और देर रात फ़ोन करते रहा करो। अंजू ने कहा कि हमने प्रदेश सरकार में  मंत्री स्वाती सिंह व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर उनको अपना दुखड़ा सुनाया, उनके आदेश के बावजूद भी मुकदमा दर्ज नही किया गया। स्थानीय पुलिस पर भ्रस्टाचार का बड़ा आरोप लगाते हुवे अंजू ने कहा कि पुलिस ने भ्रष्टाचार करते हुवे फैक्ट्री मालिक के पक्ष में हत्या को हादसा बात दिया। जबकि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार मलखान सिंह की मृत्यु दम घुटने से हुई थी। पीड़ित परिवार का मानना है कि मृतक की हत्या कर शव नाले में फेंका गया।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि गरीब पीड़ित परिवार में सिर्फ माँ बेटी है। जिनको आज 2 वक़्त के खाने की भी किल्लत है। न्याय के लिए 2 साल भागदौड़ करने के बाद भी न्याय नही मिला। अब वो हताश होकर देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे है। उनका कहना है कि या तो उन्हें न्याय मिले या फिर इच्छामृत्यु का अधिकार मिले।

भारत नव निर्माण मोर्चा पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग करते हुवे मृतक के आश्रितों को जीवन यापन हेतु सरकार से 50 लाख रुपये नगद व मृतक की अविवाहित पुत्री अंजू सिंह को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने की मांग करते हवे जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा।

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